होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

अच्छा! तो इन कारणों से अकेला नहीं छोड़ा जाता है शव, जानें यहां

Garuda Purana: जब आपके आस-पास किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उस मृतक के परिजन जब तक दाह संस्कार नहीं होता है तब तक उसे अकेले नहीं छोड़ते हैं। ऐसा क्यों होता है कभी आपने सोचा है। अगर नहीं तो आज इस खबर में जानेंगे कि मृत व्यक्ति के शरीर को अकेले क्यों नहीं छोड़ा जाता है।
11:24 AM May 31, 2024 IST | Raghvendra Tiwari
Advertisement

Garuda Purana: इस पृथ्वी पर एक जन्म व दूसरा मृत्यु दोनों अटल सत्य है। जिस व्यक्ति का जन्म हुआ है उसकी मृत्यु निश्चित है। कहा जाता है कि व्यक्ति के कर्मों के अनुसार, ही स्वर्ग और नरक की प्राप्ति होती है। गरुड़ पुराण एक ऐसा ग्रंथ हैं जिसमें जन्म से लेकर मृत्यु तक की सारी बातें बताई गई है। साथ ही व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसे क्या-क्या कष्ट और फल मिलना चाहिए इसके बारे में भी विस्तार से बताया गया है। आपने देखा होगा जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसके शव को अकेला नहीं छोड़ा जाता है।

Advertisement

सनातन धर्म में शाम के समय या रात्रि में दाह संस्कार करने का विधान नहीं है। वहीं रात में जब किसी व्यक्ति कि मृत्यु हो जाती है तो व्यक्ति के मृत शरीर को रातभर घर पर रखा जाता है। वहीं जब किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचक काल में होती है तो पंचक काल समाप्त हो जाने के बाद ही मृत व्यक्ति के शव को जलाया जाता है। या फिर जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और उसके पुत्र आस-पास नहीं होते है तो उन्हें आने तक शव को घर में ही रखा जाता है। लेकिन आपने गौर किया होगा किसी भी परिस्थिति में शव को अकेला नहीं छोड़ा जाता है। इसका कारण क्या है। गरुड़ पुराण में इसके बारे में विस्तार से बताए गए हैं। तो आइए जानते हैं।

क्यों शव को नहीं छोड़ा जाता है अकेला

गरुड़ पुराण के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उस मृत व्यक्ति के शव के आस-पास बुरी आत्माएं भटकती रहती हैं। यदि शव को अकेला छोड़ा जाए तो बुरी आत्माएं मृत व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर सकती हैं।  बता दें कि शव को अकेले छोड़ने से मृत व्यक्ति को सिर्फ खतरा नहीं है बल्कि परिजनों को भी खतरा हो सकता है। इसलिए कभी भी मृत व्यक्ति के शव अकेले नहीं छोड़ा जाता है।

माना जाता है कि यदि मृत व्यक्ति के शव को अकेला छोड़ दिया जाए तो आस-पास मौजूद रेंगने वाले नरभक्षी प्राणी जैसे लाल चींटियां या पशु मृत व्यक्ति के शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए जब तक मृत व्यक्ति के शव का दाह संस्कार नहीं होता है तब तक उसे अकेला नहीं छोड़ा जाता है।

Advertisement

गरुड़ पुराण के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो जब तक दाह संस्कार नहीं होता है तब तक मृत व्यक्ति की आत्मा परिवार से जुड़ा हुआ रहता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, यदि मृत व्यक्ति के शव को परिजन छोड़कर जाते हैं तो मृत व्यक्ति की आत्मा दुखी हो सकती है। इसलिए शव को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए।

यह भी पढ़ें- गरुण पुराण में हैं योग्य संतान प्राप्ति के चमत्कारी उपाय, जानें किन नियमों का करना होता है पालन

यह भी पढ़ें- मृत्यु के कुछ देर पहले क्यों बंद हो जाती है आवाज? गरुड़ पुराण में बताई गई है ये बात

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी गरुड़ पुराण ग्रंथ पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Open in App
Advertisement
Tags :
Garuda PuranaGaruda Purana niti
Advertisement
Advertisement