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Geeta Updesh: श्री कृष्ण के अनुसार ये 5 चीजें मनुष्य को कर देती हैं बर्बाद!

Geeta Updesh: महाभारत युद्ध के दौरान श्री कृष्ण ने अर्जुन को जो ज्ञान दिया था, उसे ही गीता ज्ञान के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि गीता के माध्यम से श्री कृष्ण ने सभी परेशानियों का हल बताया है। इस लेख में हम जानेंगे कि किस कारण से कोई भी मनुष्य बर्बाद हो जाता है?
09:29 PM Sep 17, 2024 IST | News24 हिंदी
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 Geeta Updesh: ऐसा माना जाता है कि गीता के अनमोल ज्ञान को मनुष्य अगर अपने जीवन में लागू कर ले, तो वह हर संकट पर विजय प्राप्त कर सकता है। पांच हजार साल पहले श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को यह ज्ञान दिया था। गीता में श्री कृष्ण ने बताया है कि कैसे समय का सही से इस्तेमाल करके सफलता मिल सकती है। कृष्ण की मानें तो कोई भी मनुष्य यदि गीता को पढ़ ले तो वह कभी भी बर्बाद नहीं हो सकता। तो आइए जानते हैं कि कोई भी मनुष्य बर्बाद क्यों हो जाता है और इसके बारे में गीता क्या कहती है?

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पहला कारण

गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि जो मनुष्य काम पूरा किये बिना जल्दी थक जाता है, ऐसा मनुष्य शीघ्र ही बर्बाद हो जाता है। अगर मनुष्य ऊर्जावान नहीं रहता है तो वह उम्र से पहले ही बूढ़ा दिखने लगता है। समय बीत जाने के बाद भी यदि ऐसा मनुष्य काम करना चाहता है, तो भी नहीं नहीं कर पाता। ऐसा मनुष्य जीवन में कभी भी सफल नहीं हो पाता।

दूसरा कारण

गीता में श्री कृष्ण ने कहा है कि जो मनुष्य बात-बात पर गुस्सा करता है, क्रोध में आकर किसी को हानि पहुंचाता है, ऐसे मनुष्य को बर्बाद होने से कोई भी नहीं बचा सकता। श्री कृष्ण कहते हैं कि क्रोध के कारण मनुष्य परिवार के साथ-साथ समाज में भी अपना मान-सम्मान खो देता है। क्रोध के कारण ही मनुष्य के मित्र भी उसके शत्रु बन जाते हैं। इसलिए मनुष्यों को चाहिए कि वह अपने क्रोध पर नियंत्रण रखे।

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तीसरा कारण  

गीता में श्री कृष्ण कहते हैं कि डर भी मनुष्य को बर्बाद कर देता है। जो मनुष्य डरपोक होता है वह न तो सही को सही कह पाता है और न ही गलत का विरोध कर पाता है। इतना ही नहीं जो मनुष्य डर के वश में होता है वह अपना अधिकार भी नहीं ले पाता। ऐसे में वह न तो कभी आगे ही बढ़ पाता है और न ही कभी जीवन में सफल हो पाता।

चौथा कारण

गीता में श्री कृष्ण ने कहा है कि नींद वह अवगुण है जो अच्छे से अच्छे मनुष्य को बर्बाद कर देता है। श्री कृष्ण की मानें तो जो मनुष्य अपनी निद्रा पर विजय नहीं पाता वह हमेशा औरों से पीछे ही रहता है। ऐसे में अगर मनुष्य को बर्बाद होने से बचना है तो उसे सबसे पहले नींद को त्यागना होगा।

पांचवा कारण

गीता के अनुसार जो मनुष्य आलस्य के कारण अपने काम को दूसरे पर या फिर अगले दिन के लिए टाल देता है, ऐसा मनुष्य भी कभी सफल नहीं हो पाता। श्री कृष्ण कहते हैं कि वक्त किसी के लिए नहीं रुकता ऐसे में यदि मनुष्य नियत समय पर अपने काम को पूर्ण नहीं करता है, तो उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है और अंत में ऐसा मनुष्य बर्बाद हो जाता है।

ये भी पढ़ें-Mahabharat: श्री कृष्ण के अलावा कोई और क्यों नहीं बन सकता था अर्जुन का सारथी?

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Tags :
geeta updeshlord krishnaMahabharat
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