होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

Gopashtami 2024: श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा करना जरूरी! जानें गोपाष्टमी का महत्व

Gopashtami 2024: श्रीकृष्ण के भक्तो के लिए गोपाष्टमी के दिन का खास महत्व है, क्योंकि इस दिन राधा रानी और गौ माता की पूजा करने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं। चलिए जानते हैं धर्म की अच्छी-खासी जानकारी रखने वाली नम्रता पुरोहित से गोपाष्टमी के शुभ दिन से जुड़ी जरूरी बातो के बारे में। 
03:44 PM Nov 08, 2024 IST | Nidhi Jain
गोपाष्टमी का महत्व
Advertisement

Gopashtami 2024: सनातन धर्म के लोगों के लिए गोपाष्टमी के दिन का विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण, राधा रानी और गौ माता की पूजा करने का खास महत्व है। माना जाता है कि जो लोग इस दिन देवी-देवताओं की सच्चे मन से पूजा करते हैं, उनके जीवन में सदा खुशियों का वास रहता है। चलिए धर्म की अच्छी-खासी जानकारी रखने वाली नम्रता पुरोहित से जानते हैं गोपाष्टमी पर्व के महत्व और सही तिथि के बारे में।

Advertisement

गोपाष्टमी कब है?

पंचांग के अनुसार, इस बार कार्तिक माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 8 नवंबर 2024 को रात 11:56 से हो रहा है, जिसका समापन 9 नवंबर 2024 को देर रात 10:46 पर होगा। उदयातिथि के आधार पर गोपाष्टमी का पर्व 9 नवंबर 2024, दिन शनिवार को मनाया जाएगा।

ये भी पढ़ें- Kartik Purnima पर 365 बत्तियों का दीप जलाने से दूर होंगे सभी कष्ट! जानें नियम और लाभ

Advertisement

गोपाष्टमी का महत्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार, बाल्यावस्था में कृष्ण जी केवल बछड़ों को चराने के लिए जाते थे। लेकिन जैसे-जैसे वो बड़े हुए, तो उन्होंने मैया यशोदा से गाय को चराने की बात कही। तब नंद बाबा और यशोदा मैया ने शांडिल्य ऋषि से गाय चराने का शुभ मुहूर्त निकलवाया, जिसके लिए गोपाष्टमी के दिन को चुना गया।

गोपाष्टमी के दिन यशोदा मैया ने कृष्ण जी को नए वस्त्र पहनाए। सिर पर मोर मुकुट लगाया। साथ ही उन्होंने कृष्ण जी को उनकी पादुका पहनने को कहा, जिसे पहनने से उन्होंने मना कर दिया और कहा 'मैं सभी गोप-ग्वालों के साथ नंगे पैर ही जाऊंगा, क्योंकि वो भी नंगे पैर रहते हैं।' मैया यशोदा ने कृष्ण जी की बात मान ली, जिसके बाद वो नंगे पैर ही गायों को चराने के लिए निकल पड़े। जब इस बात की जानकारी राधा रानी को पता चली, तो उन्होंने भी जाने की जिद की। लेकिन लोक-लाज के कारण वो नहीं जा पा रही थी।

तब राधा रानी ने गोपी का रूप धारण किया और कृष्ण जी के साथ चल पड़ी। लेकिन भगवान कृष्ण ने राधा रानी को पहचान लिया। इसी वजह से इस लीला को गोपाष्टमी कहा जाता है। इस दिन ब्रज के सभी मंदिरों में राधा रानी का गोप सखा के रूप में श्रृंगार करने के बाद पूजा की जाती है।

गोपाष्टमी के उपाय 

  • गोपाष्टमी के दिन गौशाला जरूर जाना चाहिए। वहां जाकर गौ माता की सेवा करें और उन्हें चारा खिलाएं।
  • गोपाष्टमी के दिन राधा रानी और कृष्ण जी की पूजा करें। देवी-देवताओं को पीले पुष्प अर्पित करें।
  • गाय को गुड़ वाली रोटी और हरा चारा खिलाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
  • गरीबों और जरूरतमंदों लोगों को दान करें।

ये भी पढ़ें- Shukra Gochar 2024: शुक्र गोचर से ये 3 राशियां होंगी परेशान, अस्पताल के लगाने पड़ेंगे चक्कर!

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Open in App
Advertisement
Tags :
AstrologyGopashtami
Advertisement
Advertisement