whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

Gupt Navratri 2025: कब से शुरू गुप्त नवरात्रि? जानें 10 महाविद्याओं की पूजा विधि

Gupt Navratri 2025: हिन्दू धर्म के अनुसार साल में कुल चार नवरात्र होते हैं जिनमें चैत्र नवरात्र, आश्विन नवरात्र और दो गुप्त नवरात्र शामिल हैं। इस दौरान महाविद्याओं की पूजा-अर्चना की जाती है। आइए गुप्त नवरात्र की पूजा विधि जानते हैं।
08:18 PM Jan 28, 2025 IST | Simran Singh
gupt navratri 2025  कब से शुरू गुप्त नवरात्रि  जानें 10 महाविद्याओं की पूजा विधि
गुप्त नवरात्रि

Gupt Navratri 2025: हिन्दू धर्म के अनुसार साल में चार बार नवरात्र होते हैं जिनमें दो गुप्त नवरात्रि और दो सामान्य नवरात्रि होती है। इनमें चैत्र नवरात्र, आश्विन नवरात्र और दो गुप्त नवरात्र शामिल है। असल में हमारे सनातन धर्म में एक बहुत अच्छी बात यह है इसमें आने वाले पर्व और त्योहार मौसम के अनुरूप होते हैं। मौसम में ऋतुओं में जब-जब परिवर्तन होता है। सेहत को लेकर परेशानी खड़ी होती है। इससे बचने के लिए नवरात्रि का विधान हमारे ऋषियों ने बताया है। नवरात्र से शरीर निरोगी और आध्यात्मिक शक्ति भी प्राप्त करता है। धर्म की अच्छी खासी जानकारी रखने वाली नम्रता पुरोहित ने गुप्त नवरात्रि का महत्व और पूजा विधि बताई है। आइए विस्तार से जानते हैं।

Advertisement

चैत्र और शारदीय नवरात्र जागृत नवरात्र है। सनातन धर्म में इसे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। गुप्त नवरात्रि आषाढ़ और माघ महीने में आती है। वैसे शास्त्रों में बताया गया है कि त्रेता युग में गुप्त नवरात्रि को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता था। मां आदिशक्ति के भक्त शाक्त संप्रदाय के मानने वाले और संन्यासी इसे गुप्त ही मानते हैं।

गुप्त नवरात्रि कब से कब तक?

वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार गुप्त नवरात्रि माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 जनवरी 2025, बुधवार को शाम 6:05 पर होगी। इस तिथि का समापन 30 जनवरी, गुरुवार को शाम 4:10 पर होगा। सूर्योदय के अनुसार गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 30 जनवरी, गुरुवार को होगी। जबकि, नवरात्रों का समापन 7 फरवरी, शुक्रवार को होगा।

Advertisement

गुप्त नवरात्रि की दस महाविद्याएं देवियां हैं जिनकी आराधना से सिद्धियां प्राप्त की जाती है। माघ शुक्ल पक्ष से शुरू हुए गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं- मां काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करना विशेष महत्व रखता है।

Advertisement

दस महाविद्याओं के साथ देवी भगवती ने असुरों चंड मुंड और शुंभ निशुंभ का वध किया था उस समय देवी की यही दसमहाविद्या युद्ध करती रहीं। वैज्ञानिक रूप से ऋतु में परिवर्तन का समय होता है, जनवरी माह में शिशिर ऋतु से बसंत ऋतु की तरफ हम जाते है। इस मौसम में शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ जाती है इसलिए इस समय शरीर स्वस्थ रहें इसके लिए उपवास रखना या खानपान का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।

गुप्त नवरात्रि गोपनीय साधनाओं के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है। सभी बाधाओं के नाश के लिए गुप्त नवरात्रि में मां आदिशक्ति से वरदान मांगें। गुप्त नवरात्रि शक्ति पाने का अति उत्तम समय है।

पूजा विधि

मां आदिशक्ति की कृपा पाने के लिए दोनों ही समय दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। मंत्रों का जाप करें। माता रानी की दोनों समय आरती करें। मां को भोग लगाएं। मां को लौंग और बताशे का भोग लगाएं। मां को लाल पुष्प चढ़ाएं। तामसिक भोजन प्याज लहसुन और मांस मदिरा का प्रयोग ना करें। मां के लिए घी का दीपक जलाएं, गुप्त नवरात्रि विशेष मनोकामना की पूर्ति और सिद्धियां पाने के लिए मनाई जाती है।

इस नवरात्रि में गृहस्थ जीवन वालों को देवी की सात्विक पूजा ही करनी चाहिए। तामसिक पूजा केवल तांत्रिक और अघोरी करते हैं ऐसा माना जाता है कि गुप्त नवरात्रों के साधना काल में मां शक्ति का जप,तप और अनुष्ठान आदि करने से जीवन में आ रही सभी बाधाओं का अंत होता है। इस बात का विशेष ध्यान रखें की माता को आक, दूब और तुलसी ना चढ़ाएं।

अगर संभव हो तो भगवान गणेश को मोदक तिल के लड्डू बेल दुर्वा शमी आदि अर्पित करें कुलदेवी कुलदेवता की पूजा भी अवश्य करें। जो लोग शनि की साढ़ेसाती से परेशान है उन्हें गुप्त नवरात्रि में व्रत करने से लाभ होगा। पूरे सात्विक भाव और प्रसन्नता के साथ मां आदिशक्ति की पूजा उपासना कीजिए तो मां का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होगा।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो