Hariyali Teej पर पीरियड्स आ जाएं तो व्रत और पूजा-पाठ करना चाहिए या नहीं? जानें नियम
Hariyali Teej 2024: हर साल हरियाली तीज का व्रत सावन माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन रखा जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल हरियाली तीज 7 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की सलामती और लंबी आयु के लिए और कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए व्रत रखती हैं। हरियाली तीज के दिन महिलाओं को यदि पीरियड्स आ जाते हैं, तो क्या वो व्रत रख सकती हैं? ये सवाल कई बार महिलाओं के मन में आता होगा, तो चलिए जानते हैं पीरियड्स में व्रत रखने से जुड़े नियमों के बारे में।
क्या पीरियड्स में रख सकते हैं व्रत?
यदि आप हरियाली तीज का व्रत रखने वाली थी, लेकिन आपको पीरियड्स आ गए हैं। तो ऐसे में आपके मन में निश्चित रूप से ये सवाल जरूर आया होगा कि अब आप भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा कर पाएंगी या नहीं, देवी-देवताओं को छू सकती हैं या नहीं आदि-आदि।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, पीरियड्स के दौरान पूजा करने की मनाही नहीं होती है। लेकिन कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। आप अपने हाथों में मेहंदी लगवा सकती हैं। साथ ही श्रृंगार भी कर सकती हैं, लेकिन स्वयं पूजा-पाठ करने से बचना चाहिए। पूजा खुद से करने की जगह किसी और व्यक्ति से करवा सकती हैं। इसी के साथ व्रत के अन्य नियमों का पालन करने की भी मनाही नहीं होती है।
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व्रत के दिन पीरियड्स आ जाए तो क्या करें?
यदि आपने हरियाली तीज का व्रत रखा है, लेकिन व्रत खोलने से पहले ही आपको पीरियड्स आ जाते हैं, तो ऐसे में आपको अपना व्रत बीच में नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसी परिस्थिति में देवी-देवताओं की प्रतिमा को छूने से बचें और उनकी पूजा स्वयं न करें। अपनी जगह किसी और व्यक्ति से आप पूजा करवा सकते हैं।
ब्रह्म मुहूर्त में ही करनी चाहिए पूजा
हरियाली तीज के दिन ब्रह्म मुहूर्त यानी सूर्योदय से तकरीबन दो घंटे पहले पूजा करना शुभ होता है। मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त में की गई पूजा का पूर्ण फल मिलता है। इसी के साथ घर में मौजूद बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें। बड़े-बुजुर्ग का सिर पर हाथ बने रहने से बरकत होती है।
तीज में रखें हरियाली का ध्यान
हरियाली तीज के दिन मां पार्वती की पूजा हरियाली के रूप में भी की जाती है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव और देवी पार्वती की तो पूजा करती हैं, लेकिन इसी के साथ उन्हें प्रकृति का भी ख्याल रखना चाहिए। ज्यादातर लोग पूजा करने के बाद सड़क पर या फिर किसी नदी में पूजा सामग्री को प्रवाहित कर देते हैं, जिससे प्रकृति को हानि पहुंचती है। ऐसे में आप एक तरफ भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ प्रकृति का अपमान कर रहे हैं। इससे आपका व्रत खंडित हो सकता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।