जंजीरों से बंधे कलश से पूरी होती हैं मनोकामनाएं! जानें हिमाचल के मां हाटेश्वरी मंदिर से जुड़ी मान्यता
Hateshwari Mata Temple Hatkoti: सनातन धर्म के लोगों के लिए हिमाचल प्रदेश में मौजूद प्रत्येक मंदिर का विशेष महत्व है। कहा जाता है यहां के कण-कण में देवी-देवताओं का वास है। इसलिए इसे देवभूमि भी कहा जाता है। यहां पर मौजूद हर एक मंदिर से ऐसी कहानियां जुड़ी हुई हैं, जिसे जानने के बाद लोगों को हैरानी जरूर होती है। आज हम आपको हिमाचल प्रदेश में मौजूद मां हाटेश्वरी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां पर मौजूद एक अद्भुत कलश लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
दरअसल यहां पर मौजूद कलश बार-बार भागने की कोशिश करता है। पढ़ने में बेशक ये अजीब लग रहा होगा, लेकिन ये सच है। कलश के इस तरह भागने की कहानी पूरे हिमाचल में विख्यात है। चलिए विस्तार से जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी खास मान्यता के बारे में।
हिमाचल में मां हाटेश्वरी कहां स्थित है?
हिमाचल प्रदेश के जुब्बल कोटखाई में सोनपुरी पहाड़ी पर मां हाटेश्वरी का प्राचीन मंदिर स्थित है। जो शिमला से करीब 110 किलोमीटर दूरी है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण आज से करीब 700 से 800 साल पहले हुआ था। मां हाटकोटी के मंदिर में एक विशाल गर्भगृह है। जहां पर माता महिषासुर मर्दिनी की विशाल मूर्ति विराजमान है।
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भागने की कोशिश करता है ये चमत्कारी कलश!
मां हाटेश्वरी मंदिर के बाहर प्रवेश द्वार के समीप बाईं तरफ एक कलश है, जिसे हर समय लोहे की जंजीरों से बांधकर रखा जाता है। इस जंजीर का दूसरा सिरा माता के पैरों से बंधा हुआ है। स्थानीय लोग इस कलश को चरु भी कहते हैं। कहा जाता है कि सावन और भादो माह में पब्बर नदी में जब-जब पानी का स्तर बढ़ता है, तो तब-तब कलश से सीटियों की आवाज आती है। इसके अलावा कलश अपने आप भागने की कोशिश करता है। इसी वजह से इसे हर समय मां के चरणों से बांधकर रखा जाता है।
दर्शन मात्र से पूरी होती है हर मनोकामना!
लोक कथाओं के अनुसार, मंदिर में पहले दो कलश यानी चरु मौजूद थे। लेकिन कई साल पहले जब यहां बाढ़ आई थी, तो उसमें एक कलश बह गया था। इसी वजह से भी बचे हुए कलश को हमेशा बांधकर रखा जाता है। खास तिथि और त्योहार के दिन इस कलश में ब्राह्मण भोज भी बनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग सच्चे मन से इस मंदिर में मां हाटेश्वरी और कलश के दर्शन करते हैं, उनकी हर मनोकामना पूरी होती है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।