ज्येष्ठ अमावस्या पर पितरों को कैसे करें खुश? जानें 5 असरदार उपाय
Jyeshtha Amavasya 2024: ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 5 दिन बाद यानी 6 जून 2024 को है। इस दिन नाराज पितरों को खुश करने का सबसे अच्छा दिन माना गया है। मान्यता है कि जब किसी जातक पर पितृ देव नाराज होते हैं तो जातक पर पितृ दोष लगता है। ज्योतिषियों के अनुसार, जब एक बार किसी जातक की कुंडली में पितृ दोष लग जाता है तो उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही उनके जीवन में तरह-तरह की समस्याएं पैदा होने लगती हैं। इसलिए ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि बेहद ही शुभ और महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करके पितरों की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। उसके बाद दान-पुण्य करने का भी विधान होता है।
ज्येष्ठ अमावस्या कब
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 6 जून को है। बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या पर कुछ उपाय करने के बारे में बताया गया है। यदि आप इन उपायों को करते हैं तो पितर देव आपसे प्रसन्न हो सकते हैं। साथ ही पितृ दोष से मुक्ति भी पा सकते हैं। तो आइए उन उपायों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
पितृ देव नाराज हैं कैसे करें पता
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि आपसे पितृ देव नाराज हैं या आपकी कुंडली में पितृ दोष है तो आपको कई तरह के संकेत मिलते हैं। जैसे- घर में हमेशा कलह-क्लेश होना, परिवार में अशांति का माहौल, परिवार के सदस्य एक दूसरे पर भरोसा न करना, आर्थिक तंगी, परिवार की उन्नति में बाधा, काम में रुकावट, बनते हुए काम भी बिगड़ जाना, शारीरिक कष्ट आदि। मान्यता है कि यदि पितर देव नाराज होते हैं तो ये सब संकेत मिलते हैं।
पितृ देव को इन उपायों से करें खुश
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या के दिन यदि आप नाराज पितरों को मनाना चाहते हैं तो यह उपाय काफी असरदार है। सबसे पहले आप सुबह में स्नान करें। उसके बाद साफ सुथरा वस्त्र पहनें। वस्त्र पहनने के बाद जल से पितरों को तर्पण दें।
तर्पण देते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि तर्पण में काला तिल, सफेद फूल, जल और कुशा शामिल होने चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ लोक में जल की कमी होती है। यदि आप जल के तर्पण करते हैं तो पितर देव तृप्त हो जाते हैं। साथ ही प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद भी देते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आमावस्या के दिन पितृ देव को प्रसन्न करने के लिए पिंडदान, श्राद्ध, पंचबलि कर्म आदि कार्य कर सकते हैं। मान्यता है कि इन सभी कार्यों को करने से नाराज पितृ प्रसन्न होते हैं। साथ ही वे कभी भी परेशान नहीं करते हैं।
ज्योतिषियों के अनुसार, अमावस्या के दिन पितरों के लिए सफेद वस्त्र, फल और अन्न आदि का दान करना चाहिए। साथ ही गरीब ब्राह्मण को भोजन भी करना चाहिए।
ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से पूजा करें। साथ ही इस दिन त्रिपिंडी श्राद्ध भी कराया जाता है। इन उपायों को करने से पितृ देव खुश होते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।