होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

ज्येष्ठ माह में किस देवता की करनी चाहिए पूजा, जानें शुभ तिथि और महत्व

Jyeshtha Month 2024 Date: वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की शुरुआत वैशाख पूर्णिमा के बाद हो जाती है। बता दें कि इस माह में जल के देवता वरुण देव, सूर्य देव और हनुमान जी की पूजा की जाती है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि ज्येष्ठ माह कब से शुरू हो रहा है और इसमें क्या-क्या उपाय करने चाहिए।
02:39 PM May 19, 2024 IST | Raghvendra Tiwari
Advertisement

Jyeshtha Month 2024 Date: वैदिक पंचांग के अनुसार, इस समय हिंदू वर्ष का दूसरा महीना वैशाख चल रहा है। वैशाख माह की समाप्ति कुछ दिनों में होने वाली है। बता दें कि ज्येष्ठ माह की शुरुआत वैशाख पूर्णिमा के अगले दिन से हो जाती है। इस माह में सूर्य के तेज प्रकाश के कारण नदी और तालाब सूखने के कगार पर आने लगते हैं। साथ ही इस माह में गर्मी भी बहुत अधिक लगने लगती है। धार्मिक मान्यताओं में ज्येष्ठ माह का महत्व अधिक है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि ज्येष्ठ माह किस तारीख से शुरू हो रहा है और इस माह में किस देवी-देवता की पूजा की जाती है। साथ ही ज्येष्ठ माह का महत्व क्या है।

Advertisement

कब से शुरू होगा ज्येष्ठ माह

वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की शुरुआत कुछ दिनों बाद यानी 24 मई 2024 दिन शुक्रवार से हो रही है। साथ ही इस माह की समाप्ति 23 जून 2024 दिन रविवार को होगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ माह में जल का दान  करने से जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। साथ ही सभी पापों से मुक्ति भी मिल जाती है। जीवन खुशहाल बीतने लगता है।

ज्येष्ठ माह में किस देवता की होती है पूजा

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ज्येष्ठ माह में हनुमान जी, सूर्य देव और जल के देवता वरुण देव की पूजा की जाती है। मान्यता है कि ज्येष्ठ माह में जल का महत्व अधिक बढ़ जाता है। इसलिए वरुण देव के साथ तीनों देवताओं की पूजा विधि-विधान से करनी चाहिए। जो लोग सच्चे मन से पूजा-पाठ करते हैं उनकी सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं।

ज्येष्ठ माह का क्या है महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ माह में अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता हनुमान जी महाराज की भेंट मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम से हुई थी। ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले मंगलवार का व्रत बहुत ही शुभ फलदायी माना गया है। मान्यता है कि जो लोग मंगलवार के दिन व्रत रखते हैं उन्हें सभी संकटों से मुक्ति मिल जाती हैं।

Advertisement

ज्येष्ठ माह में जरूर करें ये उपाय

चुकी ज्येष्ठ माह में बहुत अधिक गर्मी पड़ने की वजह से जल की समस्या होने लगती है। इसलिए ज्येष्ठ माह में अधिक से अधिक पानी की बचत करें। साथ ही इस माह में दान-पुण्य का बहुत ही महत्व होता है। जो लोग इस माह में जल और भोजन का दान करते हैं उनकी सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं।

यह भी पढ़ें- हथेली में कितनी होती हैं रेखाएं, जानें हर एक का महत्व

यह भी पढ़ें- पतले, मोटे और बड़े होंठ के पीछे छिपा है ये राज, जानें क्या कहता है सामुद्रिक शास्त्र

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है

Open in App
Advertisement
Tags :
Astro UpayJyeshtha Purnima
Advertisement
Advertisement