Kaalchakra: नवरात्रि में मां विंध्यवासिनी की पूजा से दूर होंगी सभी परेशानियां! पंडित सुरेश पांडेय से जानें नियम
Kaalchakra News24 Today, Pandit Suresh Pandey: नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखना शुभ माना जाता है। इसके अलावा माता को उनकी पसंद की कुछ चीजें अर्पित करने से वो बहुत जल्दी प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर सदा अपनी कृपा बनाकर रखती हैं। नवरात्रि के शुभ 9 दिनों के दौरान मां विंध्यवासिनी की आराधना करना भी शुभ माना जाता है। देशभर में माता विंध्यवासिनी की पूजा नागवंशी राजाओं की कुलदेवी के रूप में की जाती है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, जिन लोगों के ऊपर मां विंध्यवासिनी की कृपा होती है, उनके जीवन में सदा खुशहाली बनी रहती है। जीवन का हर दुख-दर्द माता की कृपा से दूर हो जाता है। आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको मां विंध्यवासिनी को प्रसन्न करने की पूजा विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।
मां विंध्यवासिनी की पूजा का महत्व
मां विंध्यवासिनी को विंध्याचल पर्वत पर निवास करने वाली देवी माना जाता है। जो लोगों का कल्याण करती हैं। इसके अलावा माता को महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती का रूप धारण करने वाली देवी भी माना जाता है, जिन्होंने मधु और कैटभ नामक राक्षसों का संहार किया था। मां विंध्यवासिनी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना व तपस्या करने से प्रत्येक साधक की हर इच्छा पूरी होती है। साथ ही सभी सिद्धियां प्राप्त होती हैं।
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त्रिकोण यात्रा का महत्व
मान्यता है कि जो लोग विंध्याचल शक्तिपीठ माता के दर्शन करने के लिए जा रहे हैं, उन्हें सबसे पहले देवी की पूजा करनी चाहिए। उसके बाद मां की त्रिकोण यात्रा करें। त्रिकोण यात्रा से मां लक्ष्मी, मां काली और देवी सरस्वती तीनों देवियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। त्रिकोण यात्रा के दौरान रास्ते में कई जड़ी-बूटियां दिखाई देंगी, जिनके संपर्क में आने से शरीर की सारी नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। साथ ही सभी तरह के रोगों से छुटकारा मिलता है।
मां विंध्यवासिनी की पूजा विधि
धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां विंध्यवासिनी की पूजा हमेशा रात के समय करनी चाहिए। रात में स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें। फिर घर के किसी शांत कमरे में पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। अपने सामने एक लकड़ी की चौकी स्थापित करें। उसके ऊपर गंगाजल का छिड़काव करें। चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। चौकी पर मां विंध्यवासिनी की तस्वीर या यंत्र स्थापित करें। मां की तस्वीर या यंत्र के सामने 7 गोल सुपारी रखें। दीप-धूप जलाएं और मां की पूजा करें। पूजा के बाद विंधेश्वरी माला से मां विंध्यवासिनी के मंत्रों का जाप करें। 11 दिनों तक लगातार नियमित पूजा और जाप करें। 11 दिन बाद घर में हवन करें। इससे आपको मां विंध्यवासिनी की विशेष कृपा प्राप्ति हो सकती है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।