Kaalchakra: पितृदोष से 12 राशियों को मिलेगा छुटकारा! पंडित सुरेश पांडेय से जानें उपाय
Kaalchakra News24 Today, Pandit Suresh Pandey: पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए पितृपक्ष के दौरान पितरों व पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करना शुभ होता है। इससे पितृदोष का नकारात्मक प्रभाव कम होता है। पंचांग के अनुसार, हर साल पितृपक्ष का आरंभ भादो मास में आने वाली पूर्णिमा तिथि और समापन सर्वपितृ अमावस्या के दिन होता है। इस साल 17 सितंबर से श्राद्ध पक्ष का आरंभ हो गया है, जिसका समापन 2 अक्टूबर को होगा।
आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको बताएंगे कि पितृदोष क्या होता है और किस वजह से पितृदोष लगता है। इसी के साथ आपको पितृदोष से मुक्ति पाने के प्रभावशाली उपायों के बारे में भी पता चलेगा।
पितृदोष का निर्माण कब होता है?
पितृदोष दो प्रकार के होते हैं, जिसका सृजन सूर्य और मंगल के पीड़ित होने से होता है। सूर्य का संबंध पिता से और मंगल का संबंध रक्त से होता है। जब सूर्य की शनि, राहु और केतु के साथ युति होती है, तो उसके प्रभाव से सूर्यकृत पितृदोष का निर्माण होता है। वहीं मंगल यदि राहु या केतु के साथ युति बनाता है, तो उसके कारण मंगलकृत पितृदोष का निर्माण होता है।
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पितृदोष के लक्षण
- जिन लोगों को पितृदोष लगता है, उनके मन में हर समय भय रहता है। किसी न किसी बात को लेकर चिंता रहती है।
- परिवार में हर समय क्लेश का वातावरण रहता है।
- घर का कोई न कोई सदस्य हर समय बीमार ही रहता है।
- पितृदोष के प्रभाव के कारण बनते हुए काम भी बिगड़ने लगते हैं।
- अकाल मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।
- पितृदोष के कारण व्यक्ति को बात-बात पर गुस्सा आता है, जिसकी वजह से घर में कभी भी शांति नहीं रहती है।
- जिन बच्चों की कुंडली में पितृदोष होता है, उनका जीवनभर पिता संग रिश्ता अच्छा नहीं रहता है। इसके अलावा करियर में सफलता नहीं मिलती है।
- बार-बार हर काम बिगड़ने लगते हैं, जिससे आत्मविश्वास में कमी आती है।
पितृदोष से मुक्ति पाने के उपाय
- सोमवार के दिन नियमित रूप से शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। रोजाना ईष्ट देव या कुल देव की उपासना करें। इन दोनों उपायों के प्रभाव से जल्द ही आपको पितृदोष से निजात मिल सकता है।
- जिन लोगों की कुंडली में पितृदोष होता है, उन्हें किसी गरीब कन्या का विवाह जरूर करवाना चाहिए। इसके अलावा किसी बीमार व्यक्ति का इलाज करवाना भी शुभ होता है।
- एकादशी का व्रत रखने से भी पितृदोष से मुक्ति मिलती है। इसी के साथ अमावस्या तिथि के दिन घर में सत्यानारायण की कथा करना भी शुभ होता है।
पितृदोष से मुक्ति पाने के यदि आप और उपायों के बारे में जानना चाहते हैं, तो इसके लिए ये वीडियो जरूर देखें।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।