Kaalchakra Today: सोमवती अमावस्या पर करें ये उपाय, 12 राशियों को होगा लाभ! जानें पंडित सुरेश पांडेय से

Kaalchakra Today: सोमवती अमावस्या बहुत की पुण्य तिथि मानी जाती है। इस दिन कुछ अचूक उपायों को करने से साधक को अपनी विभिन्न परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है। चलिए पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं सोमवती अमावस्या का महत्व और इससे जुड़े उपायों के बारे में।

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सोमवती अमावस्या के अचूक उपाय

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Kaalchakra News24 Today, Pandit Suresh Pandey: साल में 12 अमावस्या आती हैं, जिनमें से भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। भाद्रपद अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने के साथ-साथ पिंडदान करने से साधक को पुण्य फल की प्राप्ति होती है। साथ ही वंश आगे बढ़ता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार भाद्रपद अमावस्या 2 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी। इस बार अमावस्या तिथि सोमवार के दिन पड़ रही है, तो इसे सोमवती अमावस्या भी कहा जा सकता है। ये दिन नदियों, तीर्थों में स्नान, दान और ब्राह्मण भोज के लिए शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दिन कुछ विशेष उपायों को करने से जीवन में सदा खुशहाली बनी रहती है।

आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको सोमवती अमावस्या के प्रभावशाली उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें करने से साधक को अपनी सभी परेशानियों से हमेशा-हमेशा के लिए मुक्ति मिल सकती है।

सुख-शांति के उपाय

सोमवती अमावस्या के दिन स्नान करने के बाद तिल के तेल को शरीर पर लगाएं। तिल का दान करें। इसी के साथ तांबे के बर्तन में जल भरकर दान करें। इसके अलावा सफेद कपड़े पहनकर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा करना भी शुभ होता है। ऐसे करने से आपको अपनी सभी परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है। खासतौर पर ये उपाय मेष राशि के लोगों को करना चाहिए। इससे उनके जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी।

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इन चीजों का दान करना है शुभ

सोमवती अमावस्या के दिन दान करने का भी विशेष महत्व है। इस दिन आप सन्ना आदि कार्य करने के बाद ऊनी कपड़ों, तिल, रुई और तेल का दान कर सकते हैं।

पितरों की आत्मा की शांति के उपाय

सोमवती अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इसके अलावा गायत्री मंत्र का जाप करते समय सूर्य देव और तुलसी को जल देना भी शुभ होता है। इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है।

मां लक्ष्मी को ऐसे करें खुश

पीपल के पेड़ के नीचे तुलसी का पौधा रखकर उस पर दूध, दही, रोली, चंदन, अक्षत, फूल, माला, हल्दी और काले तिल चढ़ाएं। पान, हल्दी की गांठ और धान को पान पर रखकर तुलसी को अर्पित करें। इससे माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होगी।

विभिन्न दोष से मिलती है मुक्ति!

पीपल के पेड़ के मूल में भगवान विष्णु, तने में भगवान शिव और अग्रभाग में ब्रह्मा जी का निवास होता है। इसलिए पीपल की पूजा करने से पितृ दोष, शनि दोष और ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है। इसके लिए आप पीपल के पेड़ के चारों ओर 108 बार कच्चा सूत लपेटकर परिक्रमा कर सकते हैं।

सोमवती अमावस्या के दिन से जुड़े अन्य प्रभावशाली उपायों के बारे में जानने के लिए ये वीडियो जरूर देखें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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