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Kaalchakra: क्या रात को भी कर सकतें है सूर्य पूजा? पंडित सुरेश पांडेय से जानें नियम

Kaalchakra News24 Today: सूर्य देव की पूजा किस समय करनी चाहिए? कुंडली में ग्रहों के राजा की स्थिति को मजबूत करने के लिए किस रंग के कपड़े पहनने चाहिए और सूर्य को अर्घ्य देते समय पानी में किन चीजों को मिलाना चाहिए? यदि आप भी सूर्य उपासना से जुड़े जरूरी नियमों के बारे में जानना चाहते हैं, तो इसके लिए पढ़ें आज का कालचक्र।
11:45 AM Jan 26, 2025 IST | Nidhi Jain
kaalchakra  क्या रात को भी कर सकतें है सूर्य पूजा  पंडित सुरेश पांडेय से जानें नियम

Kaalchakra News24 Today, Pandit Suresh Pandey: सनातन धर्म के लोगों के लिए सूर्य देव की पूजा का खास महत्व है। ज्योतिष में सूर्य देव को ग्रहों के राजा का स्थान दिया गया है, जिनकी पूजा करने से साधक को विशेष फल की प्राप्ति होती है। खासतौर पर जीवन में चल रही विभिन्न समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसके अलावा आत्मविश्वास और मान-सम्मान में वृद्धि होती है। हालांकि सूर्य देव की पूजा करते समय कुछ नियमों पर खास ध्यान देना होता है। नहीं तो उपासना का पूर्ण फल नहीं मिलता है।

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आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको सूर्य देव की पूजा के महत्व और उससे जुड़े नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही आपको ये भी पता चलेगा कि रात के समय सूर्य उपासना करनी चाहिए या नहीं।

सूर्य पूजा से जुड़े जरूरी नियम

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  • सूर्योदय से एक घंटे के भीतर जल चढ़ाना चाहिए। यदि इस समय आप किसी कारण अर्घ्य नहीं दे पाएं, तो सुबह 8 बजे तक भी जल अर्पित कर सकते हैं। माना जाता है कि सूर्य को जल अर्पित करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
  • स्नान करने के बाद ही सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए।
  • सूर्य उपासना के दौरान सफेद और लाल रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है।
  • सूर्य को अर्घ्य देने वाले पानी में लाल फूल या अक्षत मिला लेना चाहिए।
  • पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्य को अर्घ्य देना शुभ होता है।
  • बारिश का मौसम हो या किसी कारण सूर्य देव के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्य को अर्घ्य दे सकते हैं।
  • जल चढ़ाने के लिए तांबे, पीतल या कांसे के लोटे का ही प्रयोग करना चाहिए।
  • अगर रोजाना सूर्य को अर्घ्य नहीं दे सकते हैं, तो उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा और कृतिका नक्षत्र में सूर्य को जल जरूर देना चाहिए। इसके अलावा संक्रांति का दिन भी सूर्य उपासना के लिए शुभ होता है।

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क्या रात को भी कर सकतें है सूर्य उपासना?

धार्मिक मान्यता के अनुसार, सूर्य देव रात के समय अपनी शक्ति अग्नि में दे देते हैं। इसलिए रात के समय सूर्य देव की पूजा की जगह अग्नि की पूजा की जाती है। रात के समय यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से अग्नि की पूजा करता है, तो उसे सूर्य उपासना के बराबर ही पुण्य मिलता है।

यदि सूर्य देव की पूजा के लाभ के बारे में आप विस्तार से जानना चाहते हैं, तो इसके लिए ये वीडियो जरूर देखें। 

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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