Karwa Chauth 2024: करवा चौथ व्रत में भूलकर से भी न करें ये 5 गलतियां, गलती से टूट जाए व्रत तो करें ये 3 उपाय
Karwa Chauth 2024: हिन्दू धर्म में सुहागिन महिलाओं का एक सबसे बड़ा करवा चौथ का व्रत रविवार 20 अक्टूबर, 2024 को यानी आज रखा जा रहा है। इस व्रत को विधि-विधान और पूरी निष्ठा से करने से न केवल पति दीर्घायु होते हैं, बल्कि धन-धान्य से घर हमेशा भरा रहता है। घर-परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य उत्तम रहता है, सदैव सौभाग्य में वृद्धि होती है और उन्नति के मार्ग की बाधाएं दूर होती हैं।
इस दिन इस व्रत रखने वाली महिलाओं को किसी भी प्रकार की गलती करने से बचनी चाहिए। किसी भी तरह की गलती होने पर करवा चौथ व्रत खंडित हो जा है यानी टूट जाता है। लेकिन यदि कोई भूल या गलती हो जाए, तो यहां कुछ उपायों को अपनाकर अपना व्रत जारी रख सकते हैं। आइए जानते हैं, करवा चौथ के दिन कौन-सी गलती नहीं करनी चाहिए और किन उपायों से उसे सुधार कर व्रत को जारी रख सकते हैं।
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भूलकर से भी न करें ये 5 गलतियां
- कई महिलाएं चांद निकलने की जल्दबाजी में बड़ी गलतियां कर बैठती हैं। इस व्रत को चांद दिखने के बाद ही खोलें।
- सूर्योदय से लेकर शाम में चांद की पूजा तक अन्न-जल ग्रहण से से व्रत को खंडित हो जाता है।
- दिन में व्रत के दौरान सोने से व्रत खंडित हो जाता है। इससे बचने के व्रत कथा सुनें, मंत्रों का जाप करें और भक्ति गीत सुनें।
- करवा चौथ की पूजा गलत दिशा में बैठकर करने से व्रत का फल कम हो जाता है। पूजा करते समय मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
- करवा चौथ के दिन सुहागिन स्त्रियों को पति दीर्घायु, स्वस्थ और संपन्न होने के लिए 16 श्रृंगार कर ही पूजा करनी चाहिए। काले और धूसर रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए।
करवा चौथ व्रत खंडित होने पर करें ये उपाय
करवा चौथ व्रत की सबसे मुख्य रस्म है यही है कि सुहागिन महिलाएं चंद्रमा को जल से अर्घ्य देकर छलनी से पति को देखती हैं और फिर उनके हाथों से पानी पीकर व्रत खोलती हैं। लेकिन दिन भर के इस निर्जला व्रत में कई बार ऐसा होता है कि जाने-अनजाने में कुछ गलतियां हो सकती हैं और व्रत खंडित हो सकता है यानी टूट सकता है। यदि ऐसा हो तो आप ये उपाय कर व्रत जारी रख सकते हैं:
1. चांद निकलने से पहले यदि गलती से व्रत खंडित जाए, तो आपको तुरंत स्नान करना चाहिए। इसके बाद साफ कपड़े पहनकर शिव-पार्वती, भगवान गणेश और करवा माता की पूजा करनी चाहिए और अपनी भूल की माफी मांगनी चाहिए।
2. शाम में चंद्रमा उदय होने पर सबसे पहले चंद्रमा शहद मिश्रित जल से चंद्रदेव को अर्घ्य देकर उनसे भी अपनी भूल के लिए क्षमा मांगें। फिर रुद्राक्ष की माला से शिव मंत्र और चंद्र मंत्र का जाप करें।
3. व्रत खंडित होने से किसी भी तरह के दुषप्रभाव से बचने के लिए 16 श्रृंगार का सामान दान करना चाहिए।
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