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Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा के इन 3 उपदेशों में समाया है जीवन का सार, ये सीख बदल देगी जिंदगी!

Neem Karoli Baba: महाराजजी के नाम से प्रसिद्ध नीम करोली बाबा को कलियुग में भगवान हनुमान का साक्षात अवतार माना गया है। आइए जानते हैं, उनकी 3 ऐसी शिक्षाएं, जिसे आध्यात्मिक जीवन का सार माना जाता है और ये सीख जिंदगी बदल देने वाली मानी गई हैं।
05:26 PM Jan 22, 2025 IST | Shyam Nandan
neem karoli baba  नीम करोली बाबा के इन 3 उपदेशों में समाया है जीवन का सार  ये सीख बदल देगी जिंदगी

Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा एक बेहद सम्मानित गुरु और प्रतिष्ठित योगी थे। उनका जन्म सन 1900 में हुआ था और वे सन 1973 में चिर-समाधि लेकर ब्रह्मलीन हो गए। वे अपने भक्तों में महाराजजी के नाम से प्रसिद्ध थे। इस कलियुग में उनको भगवान हनुमान का साक्षात अवतार माना गया है। वे एक ऐसे संत थे, जिन्होंने योग और ध्यान का सहज अभ्यास किया। वे अपनी असाधारण आध्यात्मिक शक्तियों, करुणा और ज्ञान के लिए जाने जाते थे। नीम करोली बाबा के भगवान, प्रेम, ध्यान से जुड़े उपदेश निस्संदेह जीवन को बदलने वाले हैं। उनकी शिक्षाएं कालातीत हैं यानी समय, समाज और स्थान से परे हैं, जो आज ही नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करती रहेंगी।

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आपको बता दें कि नीम करोली बाबा आधुनिक भारत एक ऐसे संत और सिद्ध पुरुष हैं, जिनके शिष्यों में विदेशियों की भी कमी नहीं है। एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स, फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग, हॉलीवुड एक्ट्रेस जूलिया रॉबर्ट्स, गूगल के को-फाउंडर लैरी पेज, शिक्षाविद रिचर्ड एल्पर्ट आदि कुछ प्रसिद्ध नाम हैं। रिचर्ड एल्पर्ट ने बाबा नीम करोली के ऊपर 'मिरैकल ऑफ लव' (Miracle of Love) नामक एक किताब लिखी है। बाबा नीम करोली महाराज को प्यार और श्रद्धा से बाबा नीम करौरी या नीब करौरी बाबा भी कहते हैं। आइए जानते है, उनकी 3 ऐसी शिक्षाएं, जिसे आध्यात्मिक जीवन का सार माना जाता है और ये सीख जिंदगी बदल देने वाली मानी गई हैं।

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सिवाय भगवान के सब अनिश्चित है!

"सभी से प्रेम करो, सभी की सेवा करो, सभी को खिलाओ, भगवान को याद करो।" बाबा जी कहते थे कि सभी मनुष्यों को भगवान की तरह प्यार करो, भले ही वे आपको दुख पहुंचाएं या शर्मिंदा करें। उन्होंने सिखलाया है कि सिवाय भगवान के प्रेम के, इस संसार का सब कुछ अनिश्चित, अनित्य यानी क्षण-भंगुर है।

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सभी में भगवान को देखो!

बाबा जी ने सिखाया कि सभी में भगवान को देखो। न केवल मनुष्य और जीव में बल्कि कण-कण में भगवान हैं। हमारे भौतिक इच्छाएं हमें भगवान से दूर रखती है। इच्छाएं मन में होती हैं और मन बहुत चंचल है। यदि आप भगवान को देखना चाहते हैं, तो इच्छाओं को मार डालो। इच्छाएं मरते ही मन स्थिर हो जाता है और तब प्रभु के दर्शन में विलंब नहीं होता है।

गुरु स्वामियों के स्वामी हैं!

उन्होंने कहा, "एक संत की दृष्टि हमेशा परमात्मा पर केंद्रित होती है। जिस क्षण वह अपने बारे में जागरूक होता है, संतत्व खो जाता है। आपका गुरु कोई भी हो सकता है, हो सकता है कि वह पागल हो या साधारण व्यक्ति, लेकिन एक बार जब आपने उसे स्वीकार कर लिया, तो वह सभी भगवान से बड़े और स्वामियों के स्वामी हैं।

बाबा जी ने बताया है कि जब कोई व्यक्ति छह महीने तक ध्यान में बैठ सकता है, तो उसे खाने की जरूरत नहीं होती, शौचालय की जरूरत नहीं होती और आराम की भी जरूरत नहीं होती है। नीम करोली बाबा के ये उपदेश जीवन में सच्ची खुशी और शांति पाने के लिए एक मार्गदर्शक प्रकाश हैं। उनके शब्दों में गहराई और सरलता है जो हर किसी को प्रेरित करती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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