खेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

इस योद्धा ने खाई थी अर्जुन को मारने की कसम, अभिमन्यु की मृत्यु का भी था जिम्मेदार, जानें पूरी कहानी

Mahabharata Story: महाभारत कथा-कहानियों की अनोखी दुनिया है, जिसके पात्र और किरदार बड़े अनूठे हैं और उनकी भूमिका बहुत निर्णायक है। ऐसा ही एक पात्र है सुशर्मा, जिसने अर्जुन को मारने की कसम खाई थी और अभिमन्यु की मृत्यु का भी एक जिम्मेदार वही था। जानें पूरी कहानी...
08:06 AM Jul 27, 2024 IST | Shyam Nandan
Advertisement

Mahabharata Story: महाभारत एक विलक्षण ग्रंथ है, जो हमें कथा-कहानियों की अनोखी दुनिया में ले जाता है। महाभारत में कई तरह की कथाएं हैं - प्रेम, युद्ध, धोखे, त्याग, मोक्ष और बहुत कुछ। महाभारत में राजनीतिक षड्यंत्र, युद्ध और शासन के बारे में विस्तार से बताया गया है। महाभारत के कर्ण, अर्जुन, कृष्ण, द्रौपदी जैसे पात्र हमारे मन में कई तरह के भाव जगाते हैं। ऐसा ही एक पात्र है सुशर्मा, जिसे अर्जुन का सबसे सशक्त प्रतिद्वंद्वी बताया गया है।

Advertisement

कौन था सुशर्मा?

सुशर्मा महाकाव्य महाभारत का विशेष पात्र और योद्धा था। उसे त्रिगर्त देश का राजा बताया गया है, जो महाभारत काल में सात गणराज्यों का संघ था। वह बेहद वीर, कूटनीतिज्ञ और एक निपुण धनुर्धर था। धनुर्विद्या में वह अर्जुन का प्रतियोगी था। जिस प्रकार अर्जुन के पास गांडीव नामक धनुष था, उसी प्रकार उसके पास भी रक्तबीज नामक धनुष था। वह एक महान योद्धा था और उसने अर्जुन को मारने की कसम खाई थी।

ऐसे हुई अभिमन्यु की मौत

महाभारत युद्ध के तेरहवें दिन अर्जुन का ध्यान भटकाने की जिम्मेदारी सुशर्मा को दी गयी थी। क्योंकि इस दिन गुरु द्रोण ने युधिष्ठिर को मारने के लिए चक्रव्यूह बनाने का निर्देश दिया। इस चक्रव्यूह को तोड़ने की विद्या केवल अर्जुन को मालूम था।

सुशर्मा ने बड़ी चतुराई से अपने धनुर्विद्या का इस्तेमाल करते हुए अर्जुन को मुख्य युद्ध भूमि से काफी दूर ले गया। अर्जुन की अनुपस्थिति में उसके पुत्र अभिमन्यु ने चक्रव्यूह तोड़ने का संकल्प लिया था। लेकिन उसे चक्रव्यूह के मात्र छह व्यूह को भेदने की कला ज्ञात थी। यदि सुशर्मा ने अर्जुन का ध्यान न भटकाया होता तो अभिमन्यु चक्रव्यूह में नहीं फंसता और न ही उसकी मृत्यु होती।

Advertisement

बनाया था दुनिया का पहला आत्मघाती दस्ता

उसने कुरुक्षेत्र के युद्ध में 8वें दिन अर्जुन के नाग अस्त्र के मुकाबले संसप्तक शक्ति का प्रयोग किया। यदि कृष्ण न होते तो शायद अर्जुन बचना मुश्किल था। बता दें, उसने कुरुक्षेत्र युद्ध में युधिष्ठिर को जीवित पकड़ने के लिए दुर्योधन की एक बड़ी योजना के एक हिस्से के रूप काम किया था। इसके लिए सुशर्मा ने एक आत्मघाती दस्ता बनाया था, जो दुनिया का पहला आत्मघाती दस्ता माना गया है।

युद्ध के तेरहवें दिन उसने अर्जुन का ध्यान चक्रव्यूह से हटाए रखा। इसके उसने एक आत्मघाती दस्ता बनाया, क्योंकि उसे पता था कि वे अर्जुन को हरा नहीं सकते हैं और उनका मरना निश्चित है। हुआ भी यही, सुशर्मा और उसके आत्मघाती दस्ते ने अर्जुन का ध्यान चक्रव्यूह से भटका दिया, लेकिन उसी दिन के युद्ध में सुशर्मा अपने भाइयों और दस्ते सहित अर्जुन के हाथों मारे गए।

ये भी पढ़ें: Temples of India: यहां होती है कुत्तों की पूजा, इस मंदिर में कांतारा करते हैं Puppy का नामकरण

ये भी पढ़ें: दुर्योधन की पत्नी महासुंदरी भानुमती की कहानी, पति की मृत्यु के बाद क्यों किया अर्जुन से विवाह, पढ़ें पूरी कथा

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Advertisement
Tags :
Kisse KahaniyaMahabharata Story
वेब स्टोरी
Advertisement
Advertisement