Mahalaya 2024: महालया क्या है, नवरात्रि से इसका क्या संबंध है? जानें महत्व और जरूरी जानकारियां
Mahalaya 2024: हिन्दू धर्म में महालया को दुर्गा पूजा त्योहार की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है, इसलिए यह बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। यह संस्कृत के दो शब्दों 'महा' और 'आलय' से मिलकर बना है, जिसका मतलब है: 'देवी का महान निवास'। आइए जानते हैं, महालया क्या है, हिन्दू धर्म में यह क्यों महत्वपूर्ण है और नवरात्रि से इसका क्या संबंध है?
महालया क्या है?
हिन्दू धर्म में आश्विन महीने की अंतिम तिथि यानी अमावस्या 16 दिन से चले आ रहे पितृपक्ष का अंतिम दिन होता है। इस दिन को सर्वपितृ अमावस्या भी कहते हैं। देवी दुर्गा और शक्ति की आराधना करने वाले लोगों के लिए लिए यह तिथि बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि भक्तों के आह्वान से देवी दुर्गा का धरती पर आगमन होता है। मान्यता है कि भक्तों के पुकार पर वे इस दिन देवी दुर्गा कैलाश पर्वत से यात्रा कर पृथ्वीवासियों के बीच रहने के लिए आती हैं। देवी दुर्गा के आह्वान और उनके धरती पर आगमन को 'महालया' कहा जाता है।
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महालया का महत्व
महालया के अगले दिन से घट स्थापना के साथ नवरात्रि और दुर्गा पूजा की शुरुआत हो जाती है। दुर्गा पूजा के त्योहार की शुरुआत का प्रतीक होने के कारण महालया अपने आप में हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस साल महालया बुधवार 2 अक्टूबर, 2024 को पड़ रही है। मान्यता है कि महालया के दिन मां पार्वती अपने मायके आने के लिए कैलाश पर्वत से विदा लेती हैं। इसलिए महालया के दिन मां की अगवानी में वंदना की जाती है और स्वागत के लिए खास प्रार्थना की जाती है।
बता दें कि महालया के दिन, सुबह पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है और शाम के समय, मां दुर्गा की पृथ्वी पर आने के लिए पूजा की जाती है। इस दिन 'महिषासुर मर्दिनी' भजन का पाठ किया जाता है। बंगाल में महालया का बहुत महत्व है। इस दिन से कलाकार देवी दुर्गा की प्रतिमाओं पर रंग चढ़ाते हैं, विशेष कर मां दुर्गा की आंखें गढ़ी जाती हैं। इस दिन से दुर्गा पूजा के लिए पंडालों की तैयारियां शुरू हो जाती हैं।
महालया का नवरात्रि से संबंध
हिन्दू धर्म में महालया के बाद ही नवरात्रि का आरंभ होता है और मां घर-घर में विराजती हैं। इस साल नवरात्रि 3 अक्टूबर, 2024 से शुरू हो रही है। यदि महालया देवी दुर्गा मनुष्यों के बीच नहीं आतीं तो नवरात्रि के नौ दिनों तक देवी मां के विभिन्न रूपों की पूजा संभव नहीं हो पाती। इस प्रकार महालया, नवरात्रि के उत्सवों को शुरू करने का एक तरीका है। नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और सुख, समृद्धि और शक्ति की प्राप्ति होती है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।