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Makar Sankranti: हिन्दू कैलेंडर नहीं, क्यों अंग्रेजी तारीख से तय होती है मकर संक्रांति की डेट? जानें OLA के सीईओ के सवाल का जवाब

Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति की डेट क्यों हिन्दू पंचांग के अनुसार तय नहीं होती हैं? अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से क्यों तय रहती है? आइए भाविश अग्रवाल के इस सवाल का जवाब जानते हैं।
11:51 AM Jan 13, 2025 IST | Simran Singh
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मकर संक्रांति

Makar Sankranti 2025: हिन्दू धर्म में व्रत-त्योहार आमतौर पर हिन्दू कैलेंडर के अनुसार तय किए जाते हैं, लेकिन मकर संक्रांति के लिए अंग्रेजी कैलेंडर के तहत तय डेट होती है। आमतौर पर 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व होता है। इसकी डेट को लेकर OLA के सीईओ भावेश अग्रवाल ने एक सवाल है। उन्होंने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट के जरिए पोस्ट कर मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल की तय डेट पर सवाल खड़ा किया है।

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हिन्दू कैलेंडर नहीं, क्यों अंग्रेजी कैलेंडर से तय है डेट

भावेश अग्रवाल ने एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया कि "आश्चर्य है कि लोहड़ी, पोंगल और संक्रांति के त्यौहार ग्रेगोरियन कैलेंडर पर निश्चित तारीखें क्यों हैं जबकि लगभग सभी अन्य भारतीय त्यौहार जैसे दिवाली, होली, जन्माष्टमी आदि पारंपरिक कैलेंडर पर हैं।" अगर आपके मन में भी ये सवाल आता है या इसका जवाब आप भी जानना चाहते हैं तो आइए विस्तार से बताते हैं।

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संक्रांति का त्योहार ग्रेगोरियन कैलेंडर पर निश्चित तारीखें क्यों हैं?

अगर आपका भी सवाल है कि संक्रांति के त्योहार ग्रेगोरियन कैलेंडर पर निश्चित तारीखें क्यों हैं? तो बता दें कि ऐसा नहीं होता है।हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ही मकर संक्रांति की तारीख तय होती है। ज्योतिर्विद डॉ. संजीव शर्मा के अनुसार सूर्य ग्रह द्वारा जब धनु और मीन राशि में सूर्य प्रवेश करते हैं तो खरमास लगता है। ठीक वैसे ही जब सूर्य, मकर राशि में विराजमान होते हैं तो मकर संक्रांति होती है और इस पर्व की तारीख हिन्दू पंचांग के अनुसार ही तय होती है।

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पिछले कुछ साल 15 जनवरी को मकर संक्रांति रही थी जिसके पीछे की वजह भी सूर्य का राशि परिवर्तन था। ज्योतिर्विद डॉ. संजीव शर्मा ने बताया कि ग्रेगोरियन कैलेंडर में कोई महीना 30 का होता है तो कोई 31 का होता है और जिस साल फरवरी में 29 दिन होते हैं तो मकर संक्रांति की तारीख भी 13, 14, 15 और 16 के बीच हो जाती है। 4 से 5 साल में मकर संक्रांति की डेट में बदलाव होता है जो सिर्फ सूर्य गोचर पर निर्भर है।

एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने के लिए सूर्य करीब 30 दिनों का समय लगाते हैं और इस तरह से सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो मकर संक्रांति का पर्व पड़ता है।

ये भी पढ़ें- Chandra Gochar 2025: कर्क राशि में चंद्र गोचर से 3 राशियों का शुरू होगा गोल्डन टाइम!

2025 में मकर संक्रांति कब है?

द्रिक पंचांग के अनुसार 14 जनवरी मंगलवार को सुबह 09 बजकर 03 मिनट पर मकर राशि में सूर्य गोचर करेंगे। इस दिन मकर संक्रांति रहेगी। इस दिन दान-पुण्य करने का खास महत्व होता है। इसके अलावा तिल, गुड़, चिवड़ा, खिचड़ी आदि का सेवन करना लाभकारी माना जाता है।

आपको जानकारी के लिए बता दें कि चंद्रमा की अनुपस्थिति में संक्रांति होती है और लोहड़ी, पोंगल जैसे पर्वर इसी संक्रांति के वजह से होते हैं। इनका संबंध सूर्योदय से होता है। जबकि, चंद्रमा और सूर्य की गति के अनुसार ही दिवाली, होली, जन्माष्टमी आदि त्योहार को तय किया जाता है जिस वजह से इन त्योहारों की डेट अलग-अलग होती है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। 

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