Mangalwar Upay: सावधान! मंगलवार को हनुमान जी को बूंदी चढ़ाना पड़ सकता है भारी, जानें नियम
Mangalwar Upay: सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित है। मंगलवार के दिन खासतौर पर हनुमान जी की पूजा की जाती है। हनुमान जी को शक्ति, ऊर्जा, एकता और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग नियमित रूप से बजरंग बली की पूजा करते हैं, उनकी बुद्धि और बल का विकास होता है। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए कई लोग मंगलवार के दिन उन्हें मीठी बूंदी का भोग लगाते हैं।
माना जाता है कि बजरंग बली को बूंदी अति प्रिय है। इसलिए जो लोग मंगलवार के दिन उन्हें इसका भोग लगाते हैं, उन्हें देवता की विशेष कृपा प्राप्त होती है। लेकिन कई लोग बूंदी का प्रसाद चढ़ाने के बाद एक गलती कर देते हैं, जिसके कारण उनकी कुंडली में मंगल और शनि की स्थिति कमजोर होने लगती है। चलिए जानते हैं बूंदी का ग्रहों से क्या संबंध है और इससे कैसे व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
मंगल की स्थिति होती है मजबूत!
धार्मिक मान्यता के अनुसार, मंगलवार के दिन हनुमान जी को बूंदी का भोग लगाना चाहिए। बूंदी बेसन से बनती है, जिसका संबंध मंगल ग्रह से है। बूंदी की मिठाई बनाने के लिए उसे तेल में तला जाता है। ज्योतिष में बताया गया है कि जब भी कोई मिठाई तेल में तली जाती है, तो उससे संबंधित ग्रह की स्थिति नीच की हो जाती है। बूंदी को जब तेल में भूनकर तैयार करते हैं, तो उससे मंगल ग्रह की स्थिति नीच की हो जाती है।
ज्योतिष के अनुसार, जब मंगल ग्रह अपनी राशि में उच्च स्थिति से नीचे स्थित राशि में कदम रखता है, तो उसे नीच का मंगल कहा जाता है। आमतौर पर कर्क राशि में मंगल ग्रह नीच का होता है। जब आप हनुमान जी को बूंदी का भोग लगाते हैं, तो उनसे आप प्रार्थना करते हैं कि वो आपकी कुंडली में मौजूद मंगल ग्रह की नीच स्थिति को मजबूत कर दें।
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शनि दोष भी लगता है!
बता दें कि जो तली भुनी चीजें होती हैं, उनका संबंध कर्मफल दाता शनि से है। ऐसे में बूंदी का संबंध शनि से भी है। यदि मंगलवार को हनुमान जी को बूंदी चढ़ाने के बाद आप उसे मंदिर से आकर खुद खा लेते हैं या अपने परिवारवालों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए देते हैं, तो इससे आपको शनि दोष लग सकता है। माना जाता है कि जिन लोगों के ऊपर शनि का अशुभ प्रभाव होता है, उन्हें जीवन में कभी भी किसी काम में सफलता नहीं मिलती है। इसलिए उस प्रसाद को मंदिर में मौजूद लोगों के बीच ही बांट देना चाहिए। कभी भी बूंदी के प्रसाद को घर नहीं लाना चाहिए और न ही खुद खाना चाहिए।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।