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Muharram 2024: इस्लाम धर्म में कब मनाया जाता है नया साल? जानें मुहर्रम का खास महत्व

Muharram 2024: इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, आज यानी 8 जुलाई 2024 से मुहरर्म माह का आरंभ हो गया है। वहीं इस बार 17 जुलाई को आशूरा का रोजा रखा जाएगा। चलिए जानते हैं इस्लाम धर्म के लोगों के खास पर्व मुहर्रम से जुड़ी अहम बातों के बारे में।
02:42 PM Jul 08, 2024 IST | Nidhi Jain
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Muharram 2024: इस्लाम धर्म के लोगों के लिए मुहर्रम का विशेष महत्व होता है। इस दिन रोजा रखने के साथ-साथ अल्लाह की इबादत भी की जाती है। इसके अलावा मुहर्रम को नए साल के रूप में भी मनाया जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, मुहर्रम को इस्लाम धर्म का पहला माह माना जाता है, जिसकी शुरुआत बकरीद के 20 दिनों के बाद से होती है। हालांकि भारत में हर साल मुहर्रम की तारीख बदलती रहती है, क्योंकि चांद निकलने पर मुहर्रम की तिथि तय की जाती है। आइए जानते हैं इस बार मुहर्रम और आशूरा कब मनाया जाएगा।

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कब रखा जाएगा आशूरा का रोजा ?

उत्तर प्रदेश में मोहर्रम का चांद 6 जुलाई को नजर नहीं आया था। ऐसे में इस बार मोहर्रम की शुरुआत 7 जुलाई से नहीं बल्कि आज यानी 8 जुलाई 2024 से हो रही है। वहीं यौम-ए-आशूरा यानी आशूरा 17 जुलाई को मनाया जा रहा है। इस्लामिक मान्यता है कि मुहर्रम में इबादत करना शुभ होता है। इससे अल्लाह का आशीर्वाद मिलता है।

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मुहर्रम का इस्लामिक महत्व

इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, मुहर्रम की 10वीं तारीख यानी आशूरा के दिन हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी। इमाम हुसैन इस्लाम धर्म के पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे थे। इसलिए इस दिन को लोग हजरत इमाम हुसैन की शहादत के रूम में मातम के तौर पर मनाते हैं। साथ ही इस दिन देशभर में जुलूस भी निकाला जाता है।

रोजा रखने के साथ निकाला जाता है जुलूस

कहा जाता है कि मुहर्रम को लेकर सुन्नी और शिया दोनों समुदाय के लोगों की अपनी अलग-अलग मान्यताएं होती हैं। दोनों ही इस दिन को अलग-अलग तरीके से मनाते हैं। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, सुन्नी समुदाय के लोग आशूर के दिन रोजा यानी व्रत रखते हैं। वहीं दूसरी तरफ शिया समुदाय के लोग इस दिन जुलूस निकालते हैं और मातम मनाते हैं। इस दिन कर्बला में ताजिये भी दफ्न किए जाते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी इस्लामिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। 

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