Navratri 2024: मध्यप्रदेश के इस मंदिर में बाघ खुद करते हैं मां दुर्गा की पूजा! नवरात्रि में नहीं होती पैर रखने की जगह
Amba Mai Mandir, Pachmarhi: नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा की पूजा करने का खास महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा करते हैं, उन्हें देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही व्रत का पूर्ण फल मिलता है। नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा को समर्पित मंदिरों में भी भक्तों की अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिलती है। लोग दूर-दूर से माता रानी के दर्शन करने के लिए प्राचीन मंदिरों में पहुंचते हैं। जो अपने चमत्कारों के लिए देशभर में प्रसिद्ध हैं। आज हम आपको माता दुर्गा को समर्पित एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आमजन के अलावा बाघ भी माता की आराधना करने के लिए आते हैं। चलिए जानते हैं इसी मंदिर से जुड़े रहस्यों के बारे में।
तांत्रिक भी करने आते हैं पूजा
मध्य प्रदेश के पचमढ़ी हिल स्टेशन में अंबा माई मंदिर स्थित है, जो आज से करीब 175 साल पुराना है। इस मंदिर में माता बगुलामुखी की मूर्ति उल्टे शेर पर बैठी है, जिसके कारण इसे तांत्रिकों का मंदिर भी कहा जाता है। ब्राह्मण और पुजारियों के अलावा हर साल बड़ी संख्या में तांत्रिक भी यहां आकर नवरात्रि के दौरान साधना करते हैं।
ये भी पढ़ें- Shukra Gochar: 13 अक्टूबर से 3 राशियों का शुरू होगा गोल्डन टाइम, शुक्र की कृपा से बरसेगा पैसा!
बाघ भी करते हैं माता के दर्शन!
कहा जाता है कि आज से कुछ साल पहले रोजाना बाघ माता रानी के दर्शन करने के लिए अंबा माई मंदिर आते थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि नवरात्रि में आज भी कभी-कभार मंदिर के आसपास बाघ दिख जाते हैं। खास बात ये है कि बाघ को मंदिर में आते हुए कई लोगों ने देखा है, जिन्होंने आज तक किसी भी भक्त को नुकसान नहीं पहुंचाया है।
दर्शन मात्र से पूरी होती हैं मनोकामनाएं!
धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग अंबा माई मंदिर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं, उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। जिन लोगों को संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है, वो यदि इस मंदिर में मौजूद माता रानी की मूर्ति की पूजा करते हैं, तो उनके घर में जल्द किलकारी गूंज सकती है।
चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के मौके पर अंबा माई मंदिर के दर्शन करने के लिए भक्तजन दूर-दूर से आते हैं। नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान मंदिर में विशेष अनुष्ठान का आयोजन भी किया जाता है।
ये भी पढ़ें- Navratri 2024: 10-11 या 11-12 अक्टूबर, कब है अष्टमी-नवमी? जानें सही तिथि और पूजा का मुहूर्त
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।