Navratri 2024: घटस्थापना करते समय भूलकर भी न करें ये 7 गलतियां; मां दुर्गा होंगी नाराज, पूजा होगी खंडित!
Navratri 2024: माता दुर्गा के भक्तों के लिए शारदीय नवरात्रि का खास महत्व है। नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान माता दुर्गा की पूजा करने के साथ व्रत रखा जाता है। हालांकि नवरात्रि की पूजा तभी पूरी होती है, जब इस दौरान घर में अखंड ज्योत और घटस्थापना की जाती है। इन 9 दिनों के दौरान घर में हर समय अखंड ज्योत का जले रहना शुभ होता है। इसके अलावा नवरात्रि के पहले दिन घर में घटस्थापना की जाती है। घटस्थापना के दौरान और उसके बाद 9 दिनों तक कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है, नहीं तो पूजा को अधूरा माना जाता है और माता दुर्गा का भी आशीर्वाद नहीं मिलता है। चलिए विस्तार से जानते हैं घटस्थापना के अहम नियमों के बारे में।
शारदीय नवरात्रि कब से शुरू है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष आश्विन माह की प्रतिपदा तिथि यानी शारदीय नवरात्रि का आरंभ 3 अक्टूबर को अर्ध रात्रि 12:18 मिनट से हो रहा है। उदयातिथि के आधार पर नवरात्रि का आरंभ 3 अक्टूबर 2024 से हो रहा है, जिसका समापन 12 अक्टूबर 2024 को विजयादशमी के दिन होगा।
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घटस्थापना के अहम नियम
- घटस्थापना के लिए आप जिस घट का इस्तेमाल कर रहे हैं, वो गंदा नहीं होना चाहिए। घट में मिट्टी और गंदा पानी न भरें। इसके अलावा पूजा के लिए खंडित घट का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए।
- घट को यदि एक बार स्थापित कर दिया है, तो उसे नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान गलती से भी न हिलाएं। इससे आपको पाप लग सकता है। इसके अलावा घट को अपवित्र हाथों से छूना भी नहीं चाहिए।
- जिस जगह पर घट को स्थापित किया है, वो शुद्ध होनी चाहिए। घट के आसपास वाली जगह को भी साफ रखें।
- बाथरूम और शौचालय के आसपास घट स्थापित नहीं करना चाहिए।
- यदि आपने अपने घर में घट की स्थापना की है, तो इन 9 दिनों के दौरान घर को अकेला न छोड़ें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, घर को सूना छोड़ने से देवी नाराज हो सकती हैं।
- नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा की पूजा करने के साथ घट की भी नियमित रूप से पूजा करें।
- 9 दिन बाद घट में मौजूद सामग्री को विधिपूर्वक किसी नदी में प्रवाहित कर दें। इसके बाद ही नवरात्रि की पूजा को पूर्ण माना जाता है।
घट स्थापना की सामग्री
- आम का पत्ता
- जवारे के लिए साफ मिट्टी
- जवे
- हल्दी
- गुलाल
- कपूर
- पूजा के पान
- पंचामृत
- सिक्के
- नारियल
- अक्षत
- पुष्प
- गंगा जल
- पंचामृत
- शहद
- धूप
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।