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Neem Karoli Baba: बच्चों को सिखाएं नीम करोली बाबा की ये 5 आदतें, सफल होने से कोई नहीं रोक सकता!

Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा ने मानवता के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया था। वे बच्चों को भविष्य का आधार मानते थे। बाबा का मानना था कि बच्चों को बचपन से ही जीवन के मूल्यों को सिखाना जरूरी है, ताकि वे समाज के अच्छे नागरिक बन सकें और हर क्षेत्र में सफल हो सकें। आइए जानते हैं, नीम करोली बाबा की 5 आदतें!
06:21 PM Jan 14, 2025 IST | Shyam Nandan
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Neem Karoli Baba: आधुनिक भारत के सबसे महान संतों में से एक नीम करोली बाबा पूरी मानव जाति की उन्नति चाहते थे। महाराज जी के नाम से प्रसिद्ध बाबा जाति, संप्रदाय, अमीर-गरीब, देशी-विदेशी आदि में वे किसी से किसी प्रकार का कोई भी भेदभाव नहीं करते थे। वे महिलाओं और बच्चों को विशेष स्नेह देते थे। बाबा कहते थे बच्चे कल के भविष्य हैं। दुनिया की बागडोर कल इनके हाथ में ही होगी। यदि इनको जीवन में सफल और योग बनाना है, तो उसकी तैयारी आज ही यानी वर्तमान में ही करनी होगी।

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नीम करोली बाबा ने कहा है कि बचपन वह समय है, जब बच्चे सबसे तेजी से सीखते हैं। इस उम्र में सिखाई गई बातें जीवनभर उनके साथ रहती हैं। इसलिए बच्चों को छोटी उम्र से ही जीवन के बड़े पाठ सिखाना बहुत ज़रूरी है। वे कहते थे कि बच्चों में आध्यात्मिक आदतें डालें। बच्चों को ऐसा माहौल दें, जहां वे जीवन के मूल्यों को गहराई से समझ सकें। आध्यात्मिकता का मतलब सिर्फ पूजा-पाठ नहीं, बल्कि जीवन में सकारात्मक सोच, दया, विनम्रता और सच्चाई जैसे गुणों को अपनाना है।

बच्चों को सिखाएं नीम करोली बाबा की ये 5 आदतें

नीम करोली बाबा कहते थे कि रूटीन से बंधी कुछ आदतें और आध्यात्मिक क्रिया-कलाप व्यक्तित्व के साथ-साथ मानसिक और नैतिक विकास में भी मददगार साबित होती है। इससे बच्चे में सकारात्मक रवैया और आत्मविश्वास विकसित होता है। बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए उन्हें ये 5 आदतें जरूर सिखाएं ताकि बड़े होकर वह एक सार्थक जीवन जी पाएं। रोज़मर्रा के कुछ नियम और आध्यात्मिक क्रिया-कलाप न केवल बच्चों के व्यक्तित्व को निखारते हैं, बल्कि उनके मानसिक और नैतिक विकास में भी मदद करते हैं। इससे बच्चे में सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास बढ़ता है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा बड़े होकर एक सार्थक और खुशहाल जीवन जिए, तो इन 5 आदतों को उनके जीवन का हिस्सा बनाएं।

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दिन की शुरुआत प्रार्थना से करें

नीम करोली बाबा रोज ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाया करते थे और हनुमान जी की प्रार्थना और सेवा करते थे। बाबा कहते थे बच्चों को सिखाएं कि सुबह उठकर भगवान का धन्यवाद करें। यह आदत उनमें आभार व्यक्त करने की भावना विकसित करेगी। उन्हें कोई आसान प्रार्थना या मंत्र सिखाएं, जिसे वे रोज़ ध्यान के साथ बोल सकें। यह आदत उनके मन को शांत और दिन को ऊर्जावान बनाएगी। इससे वे बड़े होकर समस्याओं से लड़ेंगे नहीं बल्कि वे समस्याओ को सुलझाएंगे।

नियमित दिनचर्या बनाएं

नीम करोली बाबा ने न केवल बच्चों बल्कि सभी लोगों की नियमित दिनचर्या पर बेहद जोड़ दिया है। वे कहते थे कि बच्चों को एक संतुलित दिनचर्या में ढालें। समय पर सोना, उठना, पढ़ाई करना, खेलना, और भोजन करना—यह सब उन्हें अनुशासन सिखाता है। नियमित दिनचर्या उन्हें ज़िम्मेदार और समय का पाबंद बनाती है। स्वयं नीम करोली बाबा का जीवन एक निश्चित दिनचर्या से बंधा हुआ था।

दूसरों की मदद करने की भावना

नीम करोली बाबा ने पूरी जिंदगी असहायों और जरूरतमंदों की सेवा की है। दूसरों की मदद करने की भावना रखना को नीम करोली बाबा ने मनुष्य का सबसे बड़ा कर्तव्य बताया है। बाबा के अनुसार, बच्चों को सिखाएं कि जरूरतमंदों की मदद करना सबसे बड़ा गुण है। उन्हें छोटे-छोटे कार्यों में दूसरों का सहयोग करने के लिए प्रेरित करें, जैसे किसी दोस्त की मदद करना या घर के कामों में हाथ बंटाना। यह आदत उनमें दयालुता और करुणा का विकास करती है।

ध्यान और योग से जोड़ें

बाबा हनुमान जी के महान भक्त थे। उनके जीवन में ध्यान और योग का बहुत महत्व था। वे कहते थे कि बच्चों में भी रोज़ 5-10 मिनट ध्यान या योग करने की आदत डालें। यह स्वस्थ शरीर और मन के लिए लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि यह मन को शांत करता है और एकाग्रता को बढ़ाता है। उन्हें गहरी सांस लेने वाले सरल योगासन सिखाएं। इससे उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।

कहानियों से दें नैतिक शिक्षा

नीम करोली बाबा ने बच्चों को सत्संग और नैतिक कहानियों के माध्यम से नैतिकता और जीवन के बड़े सबक सिखाने का सुझाव दिया है। वे स्वयं भी हमेशा रामचरितमानस, रामायण, महाभारत, पंचतंत्र या अन्य प्रेरणादायक कहानियां पढ़ते और सुनते रहते थे। वे कहते थे कि ये आदत न केवल बच्चों को सही और गलत का फर्क सिखाएगी, बल्कि उनकी कल्पनाशक्ति को भी बढ़ाएगी।

इन 5 आदतों का होगा ये असर

ये सभी आसान और सामान्य आदतें हैं, लेकिन इनका प्रभाव पूरी जिंदगी बना रहता है। इन आदतों से बच्चे में आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच का विकास होता है। वे जीवन के हर पहलू को बेहतर तरीके से समझते और स्वीकारते हैं। मानसिक और नैतिक रूप से सशक्त होकर वे एक सफल और सार्थक जीवन जीते हैं। बचपन से डाली गई ये आदतें उनके साथ जीवनभर रहेंगी. उन्हें एक अच्छा इंसान बनाएंगी और उन्हें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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