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साध्य योग और धनिष्ठा नक्षत्र में रखा जाएगा पापमोचनी एकादशी का व्रत, जानें शुभ तिथि व मुहूर्त

Papmochani Ekadashi 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 5 अप्रैल 2024 दिन शुक्रवार को हिंदू नव वर्ष की पहली एकादशी तिथि है। बता दें कि इस एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि पापमोचनी एकादशी की शुभ तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि क्या है। साथ ही इस दिन कौन से शुभ योग बन रहे हैं।
02:44 PM Apr 04, 2024 IST | Raghvendra Tiwari
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Papmochani Ekadashi 2024 Shubh Muhurat: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एकादशी की तिथि बहुत ही शुभ मानी जाती है। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत ही ज्यादा महत्व है। बता दें कि एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा भी की जाती है। बता दें कि हिंदू नव वर्ष की पहली एकादशी तिथि आज यानी 5 अप्रैल को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र माह की पहली एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि पापमोचनी एकादशी की शुभ तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि क्या है। साथ ही किस शुभ मुहूर्त में पापमोचनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

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पापमोचनी एकादशी की शुभ तिथि

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पापमोचनी एकादशी का व्रत चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। बता दें कि चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 4 अप्रैल को शाम 4 बजकर 14 मिनट पर हो रही है और समाप्ति 5 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 28 मिनट पर होगी। उदया तिथि के अनुसार, पापमोचनी एकादशी का व्रत 5 अप्रैल 2024 यानी आज रखा जाएगा। साथ ही 6 अप्रैल दिन शनिवार को सूर्योदय के बाद पारण किया जाएगा।

पापमोचनी एकादशी 2024 का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषियों के अनुसार, पापमोचनी एकादशी तिथि के दिन कई तरह के शुभ योग का निर्माण हो रहा है। जिसमें से एक है साध्य योग। बता दें कि पापमोचनी एकादशी का व्रत धनिष्ठा नक्षत्र में रखा जाएगा। शुक्रवार को साध्य योग सुबह 9 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। उसके बाद ही शुभ योग की शुरुआत हो जाएगी। ज्योतिषियों के अनुसार, आज शाम 6 बजकर 7 मिनट तक धनिष्ठा नक्षत्र भी रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में दान पुण्य का विशेष महत्व बताया गया है। बता दें कि पापमोचनी एकादशी के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर के 12 बजे से लेकर 12 बजकर 50 मिनट के बीच तक रहेगा।

पापमोचनी एकादशी की पूजा विधि

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पापमोचनी एकादशी के दिन सुबह-सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें। साथ ही साफ-सुथरा वस्त्र धारण करें। वस्त्र धारण करने के बाद पूजा स्थल पर दीपक जलाएं। साथ ही एकादशी व्रत का संकल्प लें। संकल्प लेने के बाद विधि-विधान से पूजा करें। साथ ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना करें। बाद में भगवान विष्णु पर धूप, दीप, गंध और ऋतु फल अर्पित करें। साथ ही खीर का भी भोग लगाएं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु को भोग लगाते समय तुलसी पत्र जरूर डालें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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