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Papmochani Ekadashi 2024: आज है पापमोचनी एकादशी, जानें शुभ तिथि, मुहूर्त और महत्व

Papmochani Ekadashi 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, पापमोचनी एकादशी का व्रत प्रत्येक साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। बता दें कि इस बार पापमोचनी एकादशी आज यानी 5 मार्च 2024 दिन शुक्रवार को है। तो आइए आज इस खबर में जानते हैं कि पापमोचनी एकादशी की शुभ तिथि, मुहूर्त और महत्व क्या है।
07:30 AM Apr 05, 2024 IST | Raghvendra Tiwari
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Papmochani Ekadashi 2024: पंचांग के अनुसार, प्रत्येक साल में 24 एकादशी का व्रत रखा जाता है। सभी एकादशी व्रत में पापमोचनी एकादशी का व्रत बहुत ही शुभ माना गया है। मान्यता है कि पापमोचनी एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक साल पापमोचनी एकादशी का व्रत चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस साल पापमोचनी एकादशी 05 अप्रैल 2024 दिन शुक्रवार यानी आज है। आज इस खबर में जानेंगे कि पापमोचनी एकादशी की शुभ तिथि, मुहूर्त और महत्व क्या-क्या है।

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पापमोचनी एकादशी की शुभ तिथि

पंचांग के अनुसार, साल 2024 में पापमोचनी एकादशी की शुरुआत 4 अप्रैल 2024 दिन गुरुवार को शाम 4 बजकर 16 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन यानी 5 अप्रैल को दोपहर 1 बजे समाप्त होगी। पंचांग और उदया तिथि के अनुसार, पापमोचनी एकादशी आज यानी 5 अप्रैल 2024 दिन शुक्रवार को है।

पापमोचनी एकादशी का महत्व

ज्योतिषियों के अनुसार, पापमोचनी एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है। कहा जाता है कि इस दिन किसी गरीब को भोजन कराने से सभी पापों और कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

पापमोचनी एकादशी के दिन करें इन मंत्रों का जाप

"ओम नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्"

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"ओम भूरिदा भूरि देहिनो
मा दभ्रं भूर्या भर भूरि घेदिन्द्र दित्ससि"

"ओम भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्
आ नो भजस्व राधसि"

"ओम ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान
यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते"

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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