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Pitru Paksha 2024: कन्याएं व शादीशुदा महिलाएं भी क्या कर सकती हैं श्राद्ध? जानें पितृ पक्ष से जुड़े नियम

Pitru Paksha 2024: पितरों के प्रति कृतज्ञता, सम्मान और उन्हें तृप्त करने के लिए हर साल पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध पूजा की जाती है। कभी न कभी आपने सुना होगा कि केवल पुत्र ही श्राद्ध पूजा करते हैं। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी जरूर होगी कि महिलाएं भी श्राद्ध कर सकती हैं। आइए जानते हैं किन-किन परिस्थितियों में महिलाओं को श्राद्ध करने की अनुमति होती है।
10:06 AM Sep 14, 2024 IST | Nidhi Jain
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Pitru Paksha 2024: सनातन धर्म के लोगों के लिए पितृ पक्ष की पूजा यानी श्राद्ध का विशेष महत्व है। श्राद्ध शब्द श्रद्धा से बना है, जिसका अर्थ है पितरों के प्रति श्रद्धा प्रकट करना। शास्त्रों के अनुसार, समय-समय पर श्राद्ध करने से वंश आगे बढ़ता है। परिवार का हर सदस्य पैसों से लेकर सभी सुख-सुविधाओं से संतुष्ट रहता है। हालांकि श्राद्ध पूजा के कई नई नियम हैं, जिनका पालन न करने पर पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है।

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मान्यता है कि श्राद्ध की पूजा केवल पुरुषों को ही करनी चाहिए। महिलाओं को श्राद्ध की पूजा से दूर रखा जाता है। लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में महिलाएं श्राद्ध पूजा कर सकती है। आज हम आपको इसी बारे में बताएंगे कि कब-कब महिलाओं को श्राद्ध पूजा करने से पाप नहीं लगता है।

बेटे के न होने पर कौन कर सकता है श्राद्ध?

शास्त्रों मे श्राद्ध की पूजा करने का अधिकार केवल पुरुषों को दिया गया है। पिता का श्राद्ध उसके पुत्र को ही करना चाहिए। पुत्र के न होने पर पौत्र, प्रपौत्र, पुत्री का पुत्र या भतीजा भी श्राद्ध कर सकता है। इसके अलावा सगा बेटा न होने पर गोद लिया पुत्र भी अपने पिता का श्राद्ध कर सकता है।

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महिलाएं कब कर सकती हैं श्राद्ध?

यदि किसी के कुल में एक भी पुत्र नहीं है, तो ऐसी परिस्थिति में महिला श्राद्ध कर सकती है। जिनका आपको श्राद्ध करना है, उनका यदि कोई बेटा नहीं है, तो ऐसे में पत्नी अपने पति की आत्मा की शांति हेतु श्राद्ध कार्य कर सकती है। इसके अलावा कुल की विधवा स्त्री भी पितरों की शांति के लिए श्राद्ध कर सकती है। लेकिन अविवाहित कन्याओं को श्राद्ध नहीं करना चाहिए।

जिन लोगों के पति या पुत्र की सेहत अच्छी नहीं है पर वो जीवित हैं, तो ऐसी परिस्थिति में उनके हाथ को स्पर्श करके विवाहित महिलाएं श्राद्ध कर सकती हैं। गौरतलब है कि घर की मुख्य महिलाओं को ही हमेशा श्राद्ध करना चाहिए।

2024 में पहला श्राद्ध कब है?

पितृ पक्ष को ही श्राद्ध कहा जाता है। हर साल भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि के दिन से श्राद्ध के खास दिनों का आरंभ होता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, साल 2024 में पहले श्राद्ध की पूजा 17 सितंबर को की जाएगी। पितृपक्ष की पूजा मात्र एक दिन ही नहीं की जाती है, बल्कि ये कई दिनों तक लगातार की जाती है, जिसका समापन आश्विन मास की अमावस्या तिथि के दिन होता है। इस साल ये तिथि 2 अक्टूबर 2024 को है यानी इसी दिन पितृपक्ष का समापन होगा।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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