Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष में भूल से भी न खरीदें ये 3 चीजें, पितृदोष बढ़ने से हो सकते हैं कंगाल!
Pitru Paksha 2024 Date: हिन्दू धर्म में पूर्वजों और पितरों को समर्पित पितृपक्ष का बेहद महत्व है। मान्यता है कि पितृपक्ष में कोई मांगलिक और शुभ काम नहीं करना चाहिए। इन दौरान 3 खास चीजें खरीदने से बचना चाहिए। धर्म ग्रंथो के अनुसार, इन्हें खरीदने से पूर्वज और पितर नाराज होते हैं। कहते है कि इससे पितृदोष बढ़ जाता है, जो अमीरों को भी कंगाल कर सकता है। आइए जानते हैं कि पितृपक्ष कब से कब तक है, इस दौरान क्या नहीं करना चाहिए और किन 3 चीजों को खरीदने से त्रिदोष नामक पितृदोष लग जाता है?
कब से कब तक है पितृपक्ष 2024?
साल 2024 में पूर्वजों और पितरों के तर्पण और श्रद्धांजलि देने का यह महाअनुष्ठान भादो मास की पूर्णिमा से शुरू होकर आश्विन मास की अमावस्या पर समाप्त होगा। इस साल यह अवधि मंगलवार 17 सितंबर से शुरू होकर बुधवार 2 अक्टूबर है। इस बार पितृपक्ष 16 दिन की बजाय मात्र 15 दिनों का है। पितृपक्ष में तिथि के अनुसार पूर्वजों का तर्पण की तिथियां आप यहां नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर देख सकते है।
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भूल से भी न करें ये काम
मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान हमारे पूर्वज हमें आशीर्वाद देने धरती पर आते हैं और इस दौरान यानी इस साल 17 सितंबर से लेकर 2 अक्टूबर तक कोई भी नई वस्तु या नया काम शुरू नहीं करना चाहिए। पितृपक्ष में नया घर, नई गाड़ी, जमीन, वस्त्र आदि की खरीदारी जैसे कार्यों को वर्जित माना गया है। कहते हैं कि इससे पितृदोष लगता है।
पितृपक्ष में नया मकान बनाने की मनाही है।
इन चीजों को खरीदने से लगता है त्रिदोष
केवल नया घर, नई गाड़ी, जमीन, वस्त्र आदि तक ही बात सीमित नहीं है। इनके अलावा कुछ और भी ऐसी चीजें हैं, जिन्हें पितृपक्ष में खरीदने से बचना चाहिए। इन्हें खरीदने से पितृ देवता नाराज हो जातते हैं। ऐसा करने से त्रिदोष लग जाता है, जिसे शास्त्रों में बहुत खतरनाक माना गया है। ये चीजें हैं: झाड़ू, नमक और सरसों तेल।
भूल से भी न खरीदें झाड़ू
हिन्दू मान्यता है कि झाड़ू में धन की देवी लक्ष्मी का वास होता है। पितृपक्ष में झाड़ू खरीदने से धन की हानि हो सकती है। इसलिए पूरे श्राद्ध की अवधि के दौरान नई झाड़ू नहीं खरीदनी चाहिए।
नमक खरीदने से करें परहेज
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक़ पितृपक्ष में नमक की खरीदकर घर नहीं लाना चाहिए। यहां तक कि इसे पड़ोसियों से न तो लेना चाहिए और और न ही देना चाहिए। इसकी वजह है इसका तीक्ष्ण स्वाद। इस पितृदोष बढ़ जाता है।
घर न लाएं सरसों का तेल
पितृपक्ष के दौरान सरसों का तेल भी घर नहीं लाना चाहिए। नमक की तरह इसे भी पड़ोसियों से न तो लेना चाहिए और और न ही देना चाहिए। सरसों के तेल में शनि का वास माना जाता है, जिनकी दृष्टि बहुत तीक्ष्ण होती है। इससे पितर नाखुश होते हैं और त्रिदोष बढ़ जाता है।
हिन्दू मान्यताओं और शास्त्रों के अनुसार, पितृपक्ष में ये 2 चीजें खरीदने से परहेज करनी चाहिए अन्यथा पितृदोष बढ़ सकता है। जीवन में कई समस्याएं को बढ़ावा देता है। यह आर्थिक, सेहत या करियर के मोर्चे पर आपके बने बनाए काम बिगाड़ता है। लेकिन बता दें, इन तीनों चीजों का दान कर सकते हैं, जो फलदायी होता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।