Pitru Paksha के दौरान भूलकर भी न करें ये 7 काम; श्राद्ध पूजा होगी खंडित और पूर्वज भी हो जाएंगे नाराज!

Pitru Paksha 2024: हिंदू धर्म के लोगों के लिए भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से लेकर आश्विन मास की अमावस्या तक के दिनों का विशेष महत्व है। इस दौरान पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध और तर्पण करना शुभ होता है। लेकिन कुछ काम ऐसे भी होते हैं, जिन्हें पितृ पक्ष के दौरान करने से पाप लगता है।

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Pitru Paksha 2024: सनातन धर्म के लोगों के लिए पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। इस दौरान पूर्वजों व पितरों की आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए श्राद्ध किए जाते हैं। पितृ पक्ष में तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष का आरंभ भाद्रपद पूर्णिमा तिथि से होता है, जिसका समापन आश्विन अमावस्या पर होता है। हालांकि पितृ पक्ष के दौरान कुछ कामों को करने की मनाही होती है, नहीं तो उसका नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के साथ-साथ उसके पूरे परिवारवालों को झेलना पड़ता है।

चलिए जानते हैं इस बार पितृ पक्ष का आरंभ कब से हो रहा है। इसी के साथ आपको उन 7 कार्यों के बारे में भी पता चलेगा, जिन्हें पितृ पक्ष के दौरान करने से श्राद्ध पूजा खंडित हो सकती है। इसके अलावा पितरों व पूर्वजों की नाराजगी का भी आपको सामना करना पड़ सकता है।

कब से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष?

इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा के दिन 17 सितंबर 2024 से हो रही है, जिसका समापन 2 अक्टूबर 2024 को सर्व पितृ अमावस्या के दिन होगा। इस दौरान श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करना शुभ होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान धरती पर हमारे पूर्वज आते हैं। इसलिए इस दौरान की गई पूजा-पाठ का साधक को विशेष फल मिलता है।

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कौन-कौन से कार्य नहीं करने चाहिए?

  • धार्मिक मान्यता के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इस दौरान सगाई, शादी, मुंडन और गृह प्रवेश आदि कार्य को करने से बचना चाहिए।
  • पितृ पक्ष के दौरान कोई भी नई चीज नहीं खरीदनी चाहिए।
  • जो लोग पितृ पक्ष के दौरान प्याज, लहसुन और तामसिक भोजन का सेवन करते हैं, उन्हें उनकी पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। इसके अलावा ज्यादा मिर्च वाला खाना, बैंगन, सफेद तिल, लौकी, मूली, काला नमक, जीरा, सत्तू, मसूर की दाल, चने और सरसों के साग का सेवन भी नहीं करना चाहिए। इससे आपकी शारीरिक और मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
  • श्राद्ध के खाने को लोहे के बर्तन में नहीं बनाना चाहिए। खाना बनाने के लिए आप तांबे, पीतल या अन्य किसी धातु के बर्तनों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • पितृ पक्ष के दौरान बाल और दाढ़ी को कटवाने की मनाही होती है। इससे आपको धन हानि हो सकती है।
  • श्राद्ध में गृह कलह, स्त्रियों व साधुओं का अपमान, बड़े-बुजुर्गों की बात न सुनना और बच्चों को कष्ट देने से पूर्वज नाराज होते हैं। इसी के साथ आपको अपनी पूजा का भी पूर्ण फल नहीं मिलेगा।
  • पितृ पक्ष के दौरान बासी भोजन के सेवन करने से भी बचना चाहिए।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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