घर में राहु का वास तो न हों निराश, 3 चीजें यहां रखें, छूमंतर हो जाएगी नेगेटिव एनर्जी
Rahu Dosh Upay: वैदिक ज्योतिष के अनुसार, राहु एक पापी ग्रह है, जिसके असर से जीवन अस्त-व्यक्त हो जाता है। यह मस्तिष्क और विचारों को दूषित करता हैं, क्योंकि यह एक छाया ग्रह है और इसका कोई वास्तविक रूप नहीं है। हठ, दुष्टता, अस्थिरता, आलस्य, दरिद्रता, रुकावट, बाधाएं आदि इस अशुभ ग्रह के मुख्य अशुभ कारकत्व हैं। आइए जानते हैं, वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर के अंदर इसका वास कहां होता है और किस उपाय से राहु के असर से मुक्ति पाई जा सकती है?
घर में यहां होता है राहु का वास
राहु न केवल नकारत्मक ऊर्जा (नेगेटिव एनर्जी) फैलाता है, बल्कि घर के अंदर इसका वास भी सबसे अधिक नेगटिव एनर्जी वाले स्थान पर होता है। ये जगह है, घर की टॉयलेट। जिन लोगों के घर की टॉयलेट गंदी रहती है, वहां राहु की मौज होती है। वाशरूम की टॉयलेट शीट इसकी सबसे पसंदीदा जगह है। राहु यहां बैठे-बैठे पूरे घर में नेगेटिव एनर्जी फैलाता है और अपनी अशुभता की पकड़ बढ़ाकर घर की शुभता को जकड़ लेता है।
राहु का जीवन पर नेगेटिव असर
राहु के प्रभाव से व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में काफी अड़चनें और बाधाएं आती हैं। रिश्तों में गलतफहमियां और संघर्ष बढ़ जाते हैं। लाइफ पार्टनर से मतभेद और अलगाव की स्थिति भी बन सकती है। साझेदारी के काम में विश्वासघात हो सकता है। व्यापार में नुकसान बढ़ सकता है। मानसिक और भावनात्मक अशांति जीवन में उथल-पुथल बढ़ जाती है। भ्रम और क्रोध स्वाभाव पर हावी हो जाता है। ड्रग्स की लत लग सकती है।
ऐसे छुड़ाएं राहु से पीछा
यदि आप अपने जीवन और घर से राहु के अशुभ असर को समाप्त करना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपने वाशरूम और टॉयलेट को साफ रखने का प्रयास करें। इससे राहु की अशुभता का आधा असर खत्म हो जाएगा। इसके बाद नमक का उपाय करें। आपको कांच के कटोरे में नमक लेनी है और उसे हर टॉयलेट रूम में रखना है। लेकिन वहां रखने से पहले उसमें 2 चीजें और मिलाएं। ये चीजें हैं थोड़ी-सी फिटकरी और 5 लौंग। ये तीनों चीजें मिलकर राहु की सारी नेगेटिव एनर्जी सोंख लेंगी। नमक के कटोरे को प्रत्येक महीने पर बदलते रहें। इस उपाय से आपका घर राहु-मुक्त हो जाएगा।
ये भी पढ़ें: लाल किताब के 3 उपाय से बढ़ते खर्च पर लगेगी लगाम, टिकने लगेगा हाथ में पैसा
ये भी पढ़ें: ऐसे लोग होते हैं भाग्यशाली, जिनके नाखून में होता है ये निशान
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।