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Ramadan 2024: रमजान का क्या है अर्थ, कब से शुरू और किस तरह के अपनाने होते हैं नियम? जानें सब कुछ

Ramadan 2024 Date: भारत में रमजान कब से शुरू है? रमजान और रोजे का अर्थ क्या है? रमजान के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किन नियमों का पालन करना चाहिए? आइए इन सबके बारे में जानते हैं।
01:21 PM Mar 11, 2024 IST | Simran Singh
रमज़ान 2024
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Ramadan 2024 Date Time and Rules: इस्लाम धर्म में पाक का महीना रमजान कहलाता है और इस दौरान लोग रोजा रखा करते हैं। रोज में सिर्फ भूखा या प्यासा रहना नहीं होता है। बल्कि, कई नियम होते हैं जिनको अपनाना भी होता है। भूखे-प्यासे के अलावा आंख, कान और मुंह पर रोक लगाना भी होता है। किसी तरह की बुराई न तो सुनी जाती है और न ही किसी तरह के अपशब्द का इस्तेमाल किया जाता है। भारत में आखिर कब रमजान का चांद देखने को मिलेगा? रमजान और रोजे का अर्थ क्या है? रमजान के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? रमजान में किन नियमों का पालन करना चाहिए? आइए इस तरह के तमाम सवालों के जवाब के साथ ही आपको बताते हैं।

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भारत में कब नजर आएगा चांद?

इस्लाम धर्म में चांद का खास महत्व होता है। सऊदी अरब और दुबई में तो चांद दिखाई दे चुका है। उम्मीद है कि भारत में 11 मार्च की रात भी चांद देखने को मिल सकता है। ऐसे में 12 मार्च से रमजान की शुरुआत हो जाएगी।

रमजान का महीना कब से कब तक रहेगा?

रमजान के महीने को माह-ए-रमजान भी कहा जाता है। इस्लाम धर्म में इस महीने को पाक का महीना भी कहा जाता है और इसकी बहुत अहमियत होती है। पाक के महीने की शुरुआत 11 मार्च की रात चांद दिखने के साथ हो जाएगी। साथ ही भारत के सभी मस्जिदों में तरावीह की नमाज भी पढ़ी जाएगी। 11 मार्च को चांद दिखने पर 12 मार्च की सुबह सेहरी खाने के बाद से रमजान के रोजे शुरू हो जाएंगे, जो कि 9 अप्रैल 2024 तक चलेंगे।

रमजान का अर्थ क्या है?

इस्लाम धर्म के अनुसार अरबी वर्ष का 9वां महीना यानी रोज़ा का महीना रमजान कहलाता है। पाक महीना जिसे रमजान और रमदान भी कहा जाता है। इस दौरान इस्लामिक धर्म के लोग रोजे रखते हैं। कहा जाता है कि रमजान के दौरान रोजे रखने से सभी तरह गुनाह माफ हो जाते हैं।

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रोजे का अर्थ क्या है?

फारसी भाषा में व्रत या उपवास को रोजा कहा जाता है। रोजे शब्द को अरबी भाषा में सौम कहते हैं जिसका अर्थ होता है अपने आप पर काबू करना। रोजे को ठहरना, रुकना और खुद पर काबू करना भी कहा जा सकता है। हालांकि, अरबी भाषा को न अपनाकर भारतीय मुस्लिम समुदाय फारसी ज्यादा अपनाते हैं, इसलिए फारसी शब्द का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं और रमजान में रखने वाले उपवास को रोजे के नाम से बोलते हैं।

रोजे के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? 

रमजान के महीने में रोजे रखने से सवाब मिलता है। रोजे के साथ-साथ जरूरतमंद लोगों की मदद भी जरूर करें। इसके अलावा अपने लिए भी कुछ खास बातों का ध्यान रखें। रमजान के दौरान रोजे रखने की सोच रहे हैं तो सेहत से लापरवाही न करें।

रमजान के दौरान अपनाएं रोजे के नियम

किसी परिस्थिति में रोजा टूट जाता है तो उस व्यक्ति को कफ्फारा करना होगा यानी दान करना होगा। ऐसे में आपको 60 गरीब या जरूरतमंद को खाना खिलाना होगा।

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