Rang Panchami 2024: टेसू के फूलों के रंग से भगवान महाकाल ने खेली होली, शिव भक्तों पर छाया रंग पंचमी का रंग, देखें वीडियो
Rang Panchami Ujjain Mahakal Temple: भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में शिव भक्तों के लिए महाकालेश्वर मंदिर पर रंग पंचमी का ऐसा उत्साह छाया रहा, जिसे देखकर श्रद्धालु आनंदित हो उठे। भगवान महाकाल ने टेसू के फूलों से तैयार किए गए रंग से होली खेली। वहीं भक्तों ने भी राजाधिराज भगवान महाकाल के साथ होली खेलने की दृश्य को देखकर बाबा महाकाल से कामना की सभी के जीवन में खुशियों के रंग बिखरते रहे और आरती में सम्मिलित होकर खुद को धन्य माना।
ब्रह्म मुहूर्त में हुई महाकाल की भस्म आरती
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में रंग पंचमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। ब्रह्म मुहूर्त में भगवान महाकाल के दरबार में भस्म आरती हुई। इसमें भगवान महाकाल को टेसू के फूल अर्पित किए वही टेसू के फूलो से रंग भी तैयार किए गए। दूध, दही और जल और विशेष कर भांग से भगवान महाकाल का अभिषेक किया गया। इसके बाद फलों के रस से भी उन्हें स्नान कराया गया। भस्म आरती आरती में पुजारी श्री द्वारा भगवान महाकाल को मंदिर में ही निर्मित देश के फूलों के और केसर के रंग से बाबा महाकाल के साथ होली खेली बाबा महाकाल के साथ ही अन्य सभी देवी देवताओं को भी टेसू के फूल का रंग और केसर का रंग अर्पित किया।
रंग पंचमी का पर्व
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में लगभग 15 दिन पहले से ही होली और रंग पंचमी पर्व को लेकर तैयारी शुरू की जाती है। रंगपंचमी का पर्व महाशिवरात्रि के बाद आने वाला त्योहार है। इस पर्व को लेकर भक्तों में काफी उत्साह भरा रहता है। देशभर के श्रद्धालु भगवान महाकाल के साथ होली खेलने के लिए उज्जैन आते हैं। वर्ष भर में एक बार ऐसा अवसर आता है जब भक्त और भगवान के बीच होली पर्व की रंगत देखने को मिलती है। इस बार भक्तों की संख्या में काफी अधिक बढ़ोतरी हुई। इसके अलावा श्रद्धालुओं ने मंदिर में बाबा महाकाल के साथ पुजारी द्वारा जो टेसू और केसर के रंग के साथ होली खेली गई उसे देखकर भक्तों ने खूब आनंद की अनुभूति की।
प्राकृतिक रंगों से रंग पंचमी का संदेश
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में होली का पर्व प्राकृतिक रंग और भी कई तरह के खूबसूरत फूलों से होली खेली जाती है। महाकालेश्वर मंदिर से हर साल फूलों से तैयार होने वाले रंग विशेष कर टेसू के फूलों से होली खेल कर प्रकृति प्रेम और पर्यावरण का भी संदेश दिया जाता है। इस बार भी मंदिर में प्राकृतिक फूलों अर्थात टेशु के फूलों से निर्मित रंग द्वारा ही होली खेली गई।
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