भारत में कभी होते थे विशालकाय सांप, गुजरात में मिले जीवाश्म पर वैज्ञानिकों ने लगाई मुहर
Vasuki Naag Scientific Proof: भारत में प्राचीन समय में विशालकाय सांप भी होते थे, जोकि करीब एक टन वजनी और 15 मीटर लंबे बताए जा रहे हैं। इसकी पुष्टि 18 साल पहले गुजरात में मिले जीवाश्म की जांच के बाद वैज्ञानिकों ने की है। जीवाश्म किसी विशालकाय सांप का बताया जा रहा है। इसका वासुकी' नाम भगवान शिव के गले में लिपटे नागराज से लिया गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान ही अमृत और विष समेत 14 रत्न निकले थे। समुद्र मंथन के लिए वासुकी नाग का इस्तेमाल रस्सी के रूप में किया गया था, जो कि हर समय भगवान शिव के गले में लिपटा रहता है। वासुकी सांप को नागों का राजा भी कहा जाता है। हालांकि विज्ञान के अनुसार ये सब काल्पनिक था।
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गुजरात में मिला विशालकाय सांप का जीवाश्म
दरअसल, गुजरात के कच्छ में साल 2005 में एक जीवाश्म मिला था। पहले माना जा रहा था कि ये जीवाश्म एक विशाल मगरमच्छ का है लेकिन अब पता चला है कि यह एक सांप का था। यह सांप भी कोई ऐसा वैसा नहीं बल्कि धरती पर अब तक के सबसे बड़े सांपों में से एक था। यह जानकारी सामने आने के बाद वासुकी नाग के अस्तित्व को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों की यह खोज वासुकी के अस्तित्व के अलावा धरती पर जीवन के विकास से जुड़े कई राज खोल सकती है।
समुद्र मंथन में रस्सी बने वासुकी से कनेक्शन?
बता दें कि साल 2005 में गुजरात के कच्छ में एक कोयला खदान के पास कुछ अवशेष मिले थे। जिसके बाद से इस पर अध्ययन किया जा रहा है। इसी के साथ कई और जीवों के जीवाश्म भी पाए गए थे, जैसे कि कछुआ, कैटफिश और मगरमच्छ। वहीं अब रिसर्च से इस बात की पुष्टि की गई है कि दुनिया का सबसे बड़ा सांप एक समय में भारत में पाया जाता था। इसका वैज्ञानिक नाम वासुकी इंडिकस है। अमृत मंथन को लेकर हिंदू धर्म में जो कहानियां हैं उनमें वासुकी नाग से यह अवशेष काफी मिलता-जुलता है।
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