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Sawan 2024: इन 2 ज्योतिर्लिंग के दर्शन से मिट जाते हैं सभी रोग-शोक, मिलता है 12 ज्योतिर्लिंग की पूजा का फल

Sawan 2024: मान्यता है कि सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग रूप के दर्शन मात्र से महादेव सभी दुखों को हर लेते है। जो व्यक्ति सावन में सभी 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं कर पाते हैं, यदि वे केवल दो ज्योतिर्लिंग का दर्शन कर लें, तो उन्हें सभी ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के बराबर पुण्य लाभ मिलता है। आइए जानते हैं, ये दो विशेष ज्योतिर्लिंग कौन-से हैं?
11:16 AM Jul 31, 2024 IST | Shyam Nandan
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Sawan 2024: हिन्दू धर्म में सावन मास को भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना गया है। इस महीने में भगवान शिव की कृपा पाने के लिए लोग व्रत रखते हैं और जलाभिषेक करते हैं। साथ ही लोग कांवड़ यात्रा करते हैं और विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान सहित ज्योतिर्लिंग शिवधाम में महादेव शिव का दर्शन कर लाभ उठाते हैं। यहां दो ऐसे ज्योतिर्लिंग शिवधाम की चर्चा की जा रही है, जिसके बारे में धर्मग्रंथों में कहा गया है कि सावन के पवित्र माह में इन दोनों के दर्शन मात्र से सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के बराबर पुण्य-फल प्राप्त हो जाता है।

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ये हैं वो दो विशेष ज्योतिर्लिंग

हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार, सभी 12 ज्योतिर्लिंग स्वंयभू हैं यानी इसे किसी मनुष्य ने स्थापित नहीं किया है। यहां भगवान शिव स्वयं ज्योतिपुंज के रूप में प्रकट हुए थे। यूं तो सभी 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने का अपना एक अलग पुण्य फल मिलता है। लेकिन जिन श्रद्धालुओं को सभी ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं हो पाते हैं, तो उनके लिए दो ज्योतिर्लिंग ऐसे हैं, जिनके दर्शन कर लेने मात्र से ही सभी ज्योतिर्लिंगों का पुण्य लाभ मिलता है। ये दो पुण्यदायी ज्योतिर्लिंग है: मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर और झारखण्ड राज्य के देवघर में स्थित बाबा बैद्यनाथ। आइए जानते हैं, इन दोनों ज्योतिर्लिंगों का महत्व क्या है?

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, उज्जैन

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान महाकालेश्वर सभी कालों के स्वामी हैं, इनके दर्शन मात्र से हर कष्ट दूर होते हैं, व्यक्ति दीर्घायु और निरोग होता है। सावन के महीने में महाकालेश्वर मंदिर में जाकर दर्शन करने से पूरे परिवार का कल्याण होता है। शास्त्रों के अनुसार, यहां सुबह 4 से 6 के बीच में भस्म आरती के दर्शन, द्वितीय प्रहर में 6 से लेकर 8 के बीच में उनके श्रृंगार का दर्शन, तीसरे प्रहर 9 से लेकर 12 बजे के बीच में उनके सभी रूपों का दर्शन और शाम के समय उनकी आरती का दर्शन, इस तरह से चार बार महाकाल जी के दर्शन करने से 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के बराबर लाभ मिलता है।

वैद्यनाथ धाम, देवघर

इन्हें बाबा बैजनाथ भी कहते हैं। यहां सावन में लाखों लोगों का हुजूम जुटता है। मान्यता है कि जो शिव भक्त या श्रद्धालु पीतल, कांसा, तांबा, चांदी या स्वर्ण कलश से बाबा वैद्यनाथ का जलाभिषेक करते हैं, उसे शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जो साधक सभी नदियों का, सभी सागरों का जल भरकर बाबा वैद्यनाथ जी अर्पित करता है, तो उसके ऊपर किसी भी ग्रहों की दृष्टि नहीं पड़ती है और उसके सभी ग्रह दोष कट जाते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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