वे 7 संकेत जो बताते हैं कि पूर्वज नाराज हैं, रुक जाती है तरक्की, करें ये उपाय
Signs of Angry Ancestors: हिन्दू धर्म सहित अनेक संस्कृतियों में यह मान्यता है कि मरणोपरांत भी पूर्वज कृपादृष्टि बनाए रखते हैं। सुख और समृद्धि की वृद्धि में पितरों का भी आशीर्वाद होता है। धरती पर मनुष्य के शुभ-अशुभ कर्मों का असर पूर्वजों और पितरों पर पड़ता है। हमारे अच्छे कर्मों से जहां वे प्रसन्न होते हैं, वहीं हमारे गलत कामों से वे कुपित होते हैं। मान्यता है कि जब पूर्वज और पितर नाराज या क्रोधित होते हैं, व्यक्ति के जीवन और परिवार में संकट के बादल छा सकते हैं और तरक्की रुक सकती है। लेकिन इसके लिए पूर्वज कुछ संकेत भी देते हैं। आइए जानते हैं कि वे संकेत क्या हैं?
7 संकेत जो बताते हैं पूर्वज नाराज हैं
1. पारिवारिक कलह और अशांति
जिस घर, परिवार या खानदान में अक्सर झगड़े होते रहते हैं, उन्हें सचेत हो जाना चाहिए, क्योंकि ऐसा पूर्वजों के नाराज होने से भी हो सकता है।
2. आर्थिक तंगी
धन के मामले में जिन लोगों के हाथ हमेशा तंग रहता है और आर्थिक तंगी उनका पीछा नहीं छोड़ रही है, यह पूर्वजों के कुपित होकर बाधाएं देने का संकेत हो सकता है।
3. बुरे सपने और हेल्थ प्रॉब्लम
यदि किसी व्यक्ति को बार-बार अपने गुजर गए किसी व्यक्ति का सपना आता है या अक्सर बुरे सपने दिखते हैं, तो यह भी पूर्वजों और पितरों का एक संकेत माना जाता है। जिस परिवार में लोग अक्सर बीमार रहते हैं, स्वास्थ्य समस्याएं पीछा नहीं छोड़ती है या रोगी जल्दी रिकवर नहीं हो रहा है, तो यह भी पूर्वजों-पितरों की नाराजगी की एक निशानी हो सकती है।
4. खाने में से बाल निकलना
यदि आपके साथ या परिवार में किसी साथ अक्सर खाना खाते भोजन में से बार-बार बाल निकलता है, तो इसे नजरअंदाज न करने की भूल न करें. हिन्दू मान्यता के अनुसार, यह पूर्वजों के नाराज होने की अहम निशानी है.
5. नकारात्मक ऊर्जा या किसी के होने का एहसास होना
यदि आप घर में नकारात्मक ऊर्जा महसूस करते हैं या आपको घर में किसी के होने का लगातार एहसास होता है, तो यह पूर्वजों द्वारा भेजे गए संकेत हो सकते हैं।
6. काम में रुकावट और असफलता
यदि आपका काम आपके पूरे प्रयास के बाद भी अटक जाता है, बार-बार रुकावट या बाधाएं आ रही हैं और आप असफल हो रहे हैं, तो यह भी पूर्वजों की कुपित होने की एक निशानी हो सकती है।
7. अकारण भय और चिंता
यदि आपको या परिवार के सदयों को लगातार अकारण भय और चिंता महसूस होता है, तो यह एक संकेत हो सकता है कि पूर्वज शायद आपसे खुश नहीं हैं।
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पूर्वजों और पितरों को प्रसन्न करने के उपाय
यदि पूर्वज और पितर नाराज या अप्रसन्न हैं, तो उन्हें कुछ विशेष उपायों से प्रसन्न कर जीवन में प्रगित और उन्नति की राह पर आगे बढ़ा जा सकता है।
- अपने नाराज पितरों और पूर्वजों के प्रसन्न करने के लिए षोडश पिंड दान कर ब्राह्मण को गाय का दान करें।
- पूर्वजों के नाम पर कुआं, तालाब आदि बनवाएं, मंदिर प्रांगण में पीपल और बरगद का पेड़ लगाएं।
- पूर्वजों और पितरों के नाराज होने के कारण होने वाले कष्ट से मुक्ति के लिए हरिवंश पुराण का पाठ करें।
- अमावस्या के दिन सूर्य को तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें रोली डालकर से अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' मंत्र का 21 बार उच्चारण करें।
- पूर्वज और पितर अपना पिंडदान न होने के कारण भी नाराज होते है. इसके लिए गया जाकर उनका विधिवत पिंडदान करें.
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने या सुझाव को अमल में लाने पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।