Shani Jayanti 2024: शनिदेव के इन 7 मंदिरों में दर्शन मात्र से दूर हो जाते हैं साढ़ेसाती, ढैय्या और शनि दोष, पूरी होती है हर मुराद
Shani Jayanti 2024: हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान शनिदेव की विधि-विधान से पूजा करने से शनि दोष, दुर्भाग्य और विपत्तियों से मुक्ति मिलती है। इनकी आराधना से कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति मजबूत होती है और भाग्य प्रबल होता है। 6 जून, 2024 की शनि जयंती के अवसर पर आइए जानते हैं, भगवान शनिदेव के प्रसिद्ध 7 मंदिरों के बारे में, जहां उनके दर्शन मात्र से न केवल कुंडली के शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या आदि दूर हो जाते हैं, बल्कि हर मनोकामना पूरी हो जाती हैं।
भारत के 7 प्रसिद्ध शनि मंदिर
1. शनि शिंगणापुर, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के शिंगणापुर में स्थित भगवान शनिदेव के इस मंदिर में पूजा के लिए पूरी दुनिया से लोग आते हैं। कहते हैं, शिंगणापुर शनिक्षेत्र को भगवान शनिदेव ने गोद लिया हुआ है, जिसकी रक्षा वे स्वयं करते हैं। यही कारण है कि यहां के लोग अपने घरों में ताला नहीं लगाते हैं। यहां शनिदेव की प्रतिमा की जगह एक शिला-स्तंभ की पूजा की जाती है, जहां साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए विशेष पूजा होती है।
2. शनि धाम मंदिर, दिल्ली
दिल्ली का शनि धाम मंदिर छतरपुर मंदिर रोड पर असोला नामक जगह पर स्थित है। कहते हैं, यहां स्थित शनिदेव की प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची और बड़ी शनि प्रतिमा है, जिसके दर्शन मात्र लोगों के पाप नष्ट हो जाते हैं, साढ़ेसाती और ढैय्या का असर कम हो जाता है और जीवन में शुभ समय शुरू हो जाता है।
3. शनिश्वरा भगवान स्थलम, पुदुचेरी
दक्षिण भारत का प्रसिद्ध शनिश्वरा भगवान मंदिर पुदुचेरी में तिरुनलार नामक जगह पर स्थित है। कहते हैं, इस मंदिर के प्रांगण में शनि देव ने भगवान शिव के सामने अपनी शक्तियां खो दी थीं। मंदिर के पास स्थित नलम तीर्थम नामक पवित्र तालाब है। भक्तों का मानना है कि इस तालाब में डुबकी लगाने से पिछले जन्म के पाप कट जाते हैं, साढ़ेसाती और ढैय्या के कारण आए दुर्भाग्य और दुःख मुक्ति मिलती है।
4. येरदानुर शनि मंदिर, तेलंगाना
तेलंगाना का येरदानुर शनि मंदिर मेडक जिले में स्थित है। यहां भगवान शनिदेव की काले पत्थर से बनी 20 फीट ऊंची की मूर्ति स्थापित है, जिसका वजन लगभग 9 टन है। इस मंदिर में श्रद्धालु अपनी कुंडली में साढ़ेसाती और ढैय्या जैसे शनि दोष से हुए बुरे प्रभावों से राहत पाने के लिए सरसों या तिल के तेल से दीपक जलाकर उपासना करते हैं।
5. शनि महात्मा मंदिर, कर्नाटक
शनि महात्मा मंदिर कर्नाटक में बेंगलुरु के पास चिक्का मादुरे नामक जगह पर स्थित है। यहां श्रद्धालु विशेष रूप से कुंडली में पंचम और अष्टम शनि दोष को दूर करने के लिए पूजा करते हैं। मनोकामनापूर्ति के लिए सावन के महीने में यहां एक विशेष अनुष्ठान होता है, जिसमें भक्त मंदिर के सामने बने हवन कुंड में काले कपड़े में तिल बांध कर जलाते हैं।
6. शनिचरा मंदिर, मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध शनिचरा मंदिर मुरैना जिले में स्थापित है। कहते हैं, यह सच्चे मन से पूजा करने पर हर मुराद पूरी होती है। यही कारण है कि यहां भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा नेपाल, श्रीलंका और न्यूजीलैंड से श्रद्धालु आते हैं। शनीचरी अमावस्या के मौके पर इस मंदिर के परिसर में विशेष मेला लगता है।
7. शनिश्वर क्षेत्रम, केरल
केरल के शनिश्वर क्षेत्रम नाम से प्रसिद्ध यह शनि मंदिर बहुत खास माना जाता है। यहां भगवान शनि देव की मूर्ति को आशीर्वाद देने वाले भगवान के रूप में दर्शाया गया है। मान्यता है कि इस मंदिर में श्रद्धालु जो भी समस्याएं लेकर यहां आते हैं, भगवान शनिदेव उनकी अवश्य सहायता करते हैं।
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