होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

कब है शनि जयंती, साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए करें ये खास उपाय

Shani Jayanti 2024: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि जयंंती के दिन कुछ ऐसे उपाय होते हैं जिन्हें करने के बाद शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है। साथ ही सभी परेशानियों से मुक्ति भी मिलती है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि शनि जयंंती कब है, शुभ तिथि क्या है और शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से किस तरह मुक्ति पा सकते हैं।
07:26 AM May 23, 2024 IST | Raghvendra Tiwari
Advertisement

Shani Jayanti 2024 Date: शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या नाम सुनकर सभी लोग डर जाते हैं और डरे भी क्यों न। क्योंकि शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या है ही इतनी खतरनाक। जी हां शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से बचने के लिए लोग कई तरह-तरह के उपाय भी करते हैं। शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए शनि देव की उपासना करते हैं। साथ ही विधि-विधान से पूजा की जाती है।

Advertisement

शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए सबसे बेहतर दिन शनि जयंती का है। इस दिन शनि देव की विधि-विधान से पूजा करने से साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पा सकते हैं। साथ ही जीवन में सुख-शांति भी बनी रहेगी। तो आज इस खबर में जानेंगे कि शनि जयंती कब है, शुभ मुहूर्त क्या है। साथ किन-किन उपायों से साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पा सकते हैं।

कब है शनि जयंती

दृक पंचांग के अनुसार, शनि जयंती ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन मनाई जाती है। ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 5 जून 2024 दिन बुधवार को शाम 7 बजकर 50 मिनट पर हो रही है। वहीं समाप्ति की बात करें तो अगले दिन यानी 6 जून शाम 6 बजकर 07 मिनट पर होगी। उदया तिथि के उदया तिथि के अनुसार, शनि जयंती 6 जून को मनाई जाएगी। ज्योतिषियों के अनुसार, शनि जयंती के दिन धृति योग और रोहिणी नक्षत्र का भी संयोग रहेगाा। जिसके वजह से शनि जयंती का महत्व और अधिक बढ़ गया है।

शनि जयंती उपाय

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव की कृपा पाने के लिए शनि जयंती के दिन व्रत रखें। साथ ही विधि-विधान से शनि देव की पूजा करें। उसके बाद शनि देव पर सरसों का तेल और काला तिल अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में खुशहाली आती है। साथ ही सुख-सुविधाओं में वृद्धि होती है।

Advertisement

ज्योतिषियों के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही है, वैसे लोगों को शनि देव के मंत्रों का जाप करना चाहिए। साथ ही शाम के समय में शनि चालीसा का पाठ भी करना चाहिए। ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।

यह भी पढ़ें- वैशाख पूर्णिमा के दिन बदलेगी 5 राशियों की किस्मत, मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान

यह भी पढ़ें- अगले माह मिथुन राशि में दो ग्रह करने जा रहे हैं प्रवेश, 3 राशियों के लिए बेहद शुभ

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Open in App
Advertisement
Tags :
shani jayantishani ke sade sati
Advertisement
Advertisement