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Shattila Ekadashi 2025: 25 या 26 जनवरी, कब है षटतिला एकादशी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Shattila Ekadashi 2025: प्रत्येक वर्ष माघ माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाता है। हालांकि इस बार एकादशी तिथि को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है। चलिए जानते हैं साल 2025 में 25 जनवरी या 26 जनवरी, किस दिन षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
10:37 AM Jan 13, 2025 IST | Nidhi Jain
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Shattila Ekadashi 2025: जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित षटतिला एकादशी के व्रत का सनातन धर्म के लोगों के लिए खास महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं, उन्हें सुख, शांति, समृद्धि, धन और यश आदि का वरदान मिलता है। व्रत रखने के साथ एकादशी के दिन तिल का दान करना शुभ माना जाता है। इस उपाय से साधक को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।

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चलिए जानते हैं साल 2025 में किस दिन षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इसी के साथ आपको लक्ष्मी नारायण जी की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में भी पता चलेगा।

2025 में कब है षटतिला एकादशी?

वैदिक पंचांग के मुताबिक, इस बार माघ माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 24 जनवरी 2025 को शाम 7 बजकर 25 मिनट पर हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 25 जनवरी 2025 को रात 8 बजकर 31 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर साल 2025 में 25 जनवरी को षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाएगा। एकादशी के व्रत का पारण 26 जनवरी 2025 को प्रात: काल 7 बजकर 12 मिनट से सुबह 9 बजकर 21 मिनट के बीच करना शुभ रहेगा।

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25 जनवरी 2025 के शुभ मुहूर्त

  • सूर्योदय- सुबह 7:13 मिनट
  • ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल में 05:36 से लेकर 06:24 मिनट तक
  • अभिजीत मुहूर्त- दोपहर में 12:17 से लेकर 01:00 प्रात: काल

षटतिला एकादशी की पूजा विधि

  • व्रती ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
  • पूरे शरीर पर सफेद तिल का उबटन लगाने के बाद पानी में तिल मिलाकर स्नान करें।
  • स्नान आदि कार्य करने के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
  • एकादशी व्रत का संकल्प लें।
  • देवी-देवताओं को फूल, दीप, धूप, फल, पेठा, सीताफल, सुपारी या नारियल अर्पित करें।
  • विष्णु जी को खिचड़ी का भोग लगाएं। इस दौरान विष्णु जी के मंत्रों का जाप करें।
  • ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें तिल का दान करें।
  • व्रत का पारण करने से पहले जरूरतमंद लोगों को तिल का दान जरूर करें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। 

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