खेलवीडियोधर्म
मनोरंजन | मनोरंजन.मूवी रिव्यूभोजपुरीबॉलीवुडटेलीविजनओटीटी
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

Sheetala Ashtami 2024 Date: आज है शीतलाष्टमी का व्रत, जानें शुभ तिथि, मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

Sheetala Ashtami 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतलाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। बता दें कि इस साल शीतलाष्टमी का पर्व आज यानी 2 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार को है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि शीतलाष्टमी पर्व कब है, क्या है शुभ तिथि और महत्व क्या है।
11:43 AM Mar 29, 2024 IST | Raghvendra Tiwari
Advertisement

Sheetala Ashtami 2024:  वैदिक पंचांग के अनुसार, 26 मार्च से ही हिंदू नव वर्ष की शुरुआत हो गई है। हिंदू नव वर्ष का पहला माह चैत्र माह है। चैत्र माह पर्व-त्यौहार के लिहाजे से बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि इस माह में कई बड़े त्योहार पड़ते हैं। बता दें कि चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन शीतलाष्टमी की पूजा की जाती है।

Advertisement

शीतलाष्टमी के दिन जो लोग सच्चे मन और श्रद्धा से मां शीतला की पूजा करते हैं उनकी सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। साथ ही बच्चों को दुष्प्रभावों से मुक्ति दिलाती हैं। असाध्य रोग से मुक्ति दिलाती है। ज्योतिषियों के अनुसार, शीतलाष्टमी के दिन मां शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि बासी भोजन लगाने से मां शीतला प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा बनाए रखती हैं।

कब है शीतलाष्टमी

वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2024 में शीतलाष्टमी आज यानी 2 अप्रैल दिन मंगलवार को है। मान्यता है कि शीतलाष्टमी के दिन घर में किसी भी प्रकार का ताजा भोजन नहीं पकाया जाता है। मान्यता है कि शीतलाष्टमी के एक दिन पहले ही मीठे चावल की खीर, राबड़ी, पुए, हलवा और रोटी तैयार कर लिए जाते हैं। यह पकवान अगले दिन मां शीतला को अर्पित किए जाते हैं। लोग इसी पकवान को ग्रहण भी करते हैं।

शीतलाष्टमी की पूजा विधि

ज्योतिषियों के अनुसार, शीतलाष्टमी के दिन सुबह-सुबह उठें और सबसे पहले स्नान कर निवृत हो जाएं। निवृत होने के बाद एक थाली में एक दिन पहले से ही सारे पकवान रख लें। उसके बाद पूजा की थाली में आटे का दीपक, रोली, हल्दी, अक्षत और वस्त्र, बड़कुले की माला के साथ मेहंदी और सिक्का रखें। सिक्का रखने के बाद मां शीतला की विधि-विधान से पूजा करें। पूजा करते समय दीपक जलाएं और जल अर्पित करें। जल अर्पित करने के बाद बचे हुए जल को घर में लाकर छिड़के। मान्यता है कि घर में जल छिड़कने से घर से नकारात्मक शक्तियां दूर जो जाती हैं।

Advertisement

शीतलाष्टमी का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शीतलाष्टमी के दिन विधि-विधान से पूजा करने से संतान पर से सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। बता दें कि मां शीतला की कृपा से घर की नकारात्मकता दूर हो जाती है। साथ ही मां शीतला का आशीर्वाद भी मिलता है। माना जाता है कि मां शीतला को बासी भोजन का प्रसाद अर्पित करने से आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है।

यह भी पढ़ें- Neechbhang Rajyog कराएगा इन 3 राशियों को लाभ, धन-धान्य के साथ कारोबार में होगी वृद्धि

यह भी पढ़ें- आज मां लक्ष्मी 3 राशियों पर रहेंगी मेहरबान, जमकर कराएंगी धन की बरसात

यह भी पढ़ें- शनिवार के दिन करें इन 5 शक्तिशाली मंत्रों का जाप, शनि देव का मिलेगा आशीर्वाद

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

Advertisement
Tags :
Sheetala ashtami puja benefitSheetala ashtami significance
वेब स्टोरी
Advertisement
Advertisement