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वृंदावन में 3 या 7 कितने ठाकुर जी हैं विराजमान? जिनकी मान्यता और इतिहास दोनों रोचक

Vrindavan Thakur Ji: वृंदावन में मौजूद राधा वल्लभ जी और बांके बिहारी जी के मंदिर के बारे में तो ज्यादातर लोगों को पता होता है, जिनके दर्शन करने के लिए रोजाना बड़ी संख्या में भक्त ब्रज पहुंचते हैं। लेकिन आज हम आपको वृंदावन में प्रकट हुए सातों ठाकुर जी के मंदिर से जुड़ी अहम जानकारियां देंगे।
02:58 PM Jul 15, 2024 IST | Nidhi Jain
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Vrindavan Thakur Ji: भारत में विभिन्न देवी-देवताओं को समर्पित कई मंदिर हैं, जिनकी मान्यता और महत्व अद्भुत है। उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित श्री वृंदावन धाम को कृष्ण जी की लीला स्थली माना जाता है। जहां भगवान कृष्ण जी, राधा रानी, नंद बाबा और गोकुल वासी कई साल तक रहे थे। यहां पर कृष्ण जी और राधा रानी को समर्पित कई मंदिर हैं, जिनका इतिहास और मान्यता दोनों रोचक है। इसके अलावा वृंदावन में ठाकुर जी को समर्पित भी कई मंदिर हैं।

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धार्मिक मान्यता के अनुसार, वृंदावन में मौजूद ठाकुर जी की मूर्तियों को बनाया नहीं गया था, बल्कि सभी मूर्तियां स्वयं प्रकट हुई थीं। हालांकि औरंगजेब के शासन काल के दौरान वृंदावन के मंदिरों पर हमला किया गया था, जिसके बाद ठाकुर जी की मूर्तियों को देश के अलग-अलग राज्यों में स्थित मंदिरों में स्थापित कर दिया था। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस समय वृंदावन और देश के भिन्न-भिन्न राज्य में ठाकुर जी किन-किन स्वरूप में कहां-कहां विराजमान हैं।

बांके बिहारी जी

बांके बिहारी जी वृंदावन में विराजमान हैं। हालांकि मुगल आक्रमण के दौरान ठाकुर जी के भक्त उनकी मूर्ति को राजस्थान के भरतपुर लेकर चले गए थे, लेकिन बाद में उन्हें वृंदावन में विराजमान कर दिया गया था।

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राधा रमण जी

राधा रमण जी की मूर्ति आज भी वृंदावन में मौजूद है। माना जाता है कि औरंगजेब के शासन काल में राधा रमण जी के मंदिर पर भी हमला हुआ था, लेकिन ठाकुर जी के भक्तों ने उनकी मूर्ति को सुरक्षित छिपाकर रखा था।

राधा वल्लभ जी

राधा रमण जी के अलावा राधा वल्लभ जी की मूर्ति भी वृंदावन में मौजूद है। हालांकि हमले के दौरान राधा वल्लभ जी को राजस्थान लेकर जाया गया था, लेकिन बाद में उनकी मूर्ति को वापस वृंदावन में स्थापित कर दिया गया था।

गोविंद देव जी

गोविंद देव जी के स्वरूप में ठाकुर जी जयपुर के राजकीय मंदिर में विराजमान हैं। जहां रोजाना बड़ी संख्या में भक्त ठाकुर जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। दरअसल, ब्रज धाम पर औरंगजेब के शासन काल में हमला हुआ था। तब ठाकुर जी के भक्त उन्हें अपने साथ जयपुर लेकर चले गए थे।

गोपीनाथ जी

औरंगजेब के शासन काल में ब्रज के मंदिरों में हुए हमलों को देखते हुए ब्रजवासी गोपीनाथ जी को वृंदावन से जयपुर लेकर चले गए थे। जहां वो आज भी पुरानी बस्ती स्थित मंदिर में विराजमान हैं।

मदन मोहन जी

मुगल शासन काल के दौरान मदन मोहन जी की मूर्ति को बचाने के लिए उनके भक्त उन्हें राजस्थान के करौली लेकर चले गए थे। तब से लेकर अब तक मदन मोहन जी करौली में ही विराजमान हैं।

जुगल किशोर जी

औरंगजेब के शासन काल में जब वृंदावन के मंदिरों को तोड़ा जा रहा था, तो तब जुगल किशोर जी के भक्त उन्हें अपने साथ मध्य प्रदेश के पन्ना शहर लेकर चले गए थे। जहां उनका भव्य मंदिर आज भी मौजूद है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। 

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