Van Devi Temple: उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बिहार में भी है प्रसिद्ध वन देवी मंदिर, पांडवों ने खुद की थी स्थापना!
Van Devi Temple, Bihar: भारत को आध्यात्म का केंद्र माना जाता है। जहां एक से बढ़कर एक प्राचीन मंदिर स्थित हैं, जिनकी खास आस्था लोगों से जुड़ी है। बिहार में भी विभिन्न देवी-देवताओं को समर्पित कई ऐसे मंदिर हैं, जिनका इतिहास आज भी लोगों के लिए रहस्य है। उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में वन देवी मंदिर स्थित है, जहां हर समय लोगों की भीड़ देखने को मिलती है। लेकिन आज हम आपको उत्तर प्रदेश के नहीं बल्कि बिहार में मौजूद मां वन देवी दुर्गा मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी स्थापना खुद पांडवों द्वारा की गई थी। चलिए जानते हैं इसी खास मंदिर से जुड़े रहस्यों के बारे में।
यहां दर्शन मात्र से पूरी होती हैं मनोकामनाएं!
बिहार के सुपौल जिले से करीब 12 किलोमीटर दूर सिंघेश्वर मुख्य मार्ग के समीप मां वन देवी दुर्गा मंदिर स्थित है, जिसे देशभर में देवी दुर्गा स्थान शक्तिपीठ के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि सच्चे मन से यहां पर माता वन देवी से जो कुछ भी मांगते हैं, उनकी इच्छा जरूर पूरी होती है। इसी वजह से इस मंदिर में सुबह और शाम दोनों समय भक्तों की खास भीड़ देखने को मिलती है। आम दिनों के अलावा साल में आने वाली प्रत्येक नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ दर्शन करने के लिए उमड़ती है।
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पांडवों ने खुद की थी स्थापना!
पौराणिक कथाओं के अनुसार, अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने खुद मां वन दुर्गा मंदिर की स्थापना की थी। कहा जाता है कि पांचवीं शताब्दी में हरदी गांव के तत्कालीन राजा महावर अपनी प्रजा पर बहुत अत्याचार करते थे। प्रजा को राजा के अत्याचार से बचाने के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के यादव वीर लोरिक हरदी गए और उन्होंने वहां पर मां वन दुर्गा की पूजा-अर्चना की। तब से लेकर आज तक उसी स्थान पर मां की नियमित रूप से उपासना की जाती है।
पंडित नेहरू ने भी की थी यहां पूजा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने बिहार में मौजूद मां वन दुर्गा मंदिर के दर्शन किए थे। उन्होंने अपने प्रथम कार्यकाल में इस मंदिर के दर्शन किए थे, जिसके बारे में उन्होंने अपनी पुस्तक डिस्कवरी ऑफ इंडिया में जिक्र किया है। पुस्तक में पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने मां देवी वन दुर्गा हरदी स्थान के महत्व और मंदिर से जुड़ी उनकी आस्था का भी जिक्र किया है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।