खेलवीडियोधर्म
मनोरंजन | मनोरंजन.मूवी रिव्यूभोजपुरीबॉलीवुडटेलीविजनओटीटी
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

पति की दीर्घायु के लिए रखा जाता है वट सावित्री का व्रत, जानें शुभ तिथि और महत्व

Vat Savitri Vrat 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक साल जेष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि वट सावित्री का व्रत कब है और महत्व क्या है।
01:42 PM May 13, 2024 IST | Raghvendra Tiwari
Advertisement

Vat Savitri Vrat 2024:  वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक साल वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस साल वट सावित्री का व्रत जून में है। बता दें कि हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का बहुत ही बड़ा महत्व है। वट सावित्री के दिन सत्यवान और सावित्री की कथा सुनाई जाती है।

Advertisement

पौराणिक कथाओं के अनुसार, वट सावित्री के दिन सावित्री अपनी चतुराई और यमराज से लड़कर अपने पति सत्यवान के प्राण को वापस लौटाए थे। इन्हीं कथाओं से वट सावित्री व्रत का प्रचलित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वट सावित्री का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि वट सावित्री व्रत किस तिथि को है और महत्व क्या है।

कब है वट सावित्री का व्रत

वैदिक पंचांग के अनुसार, वट सावित्री का व्रत इस बार 6 जून यानी आज रखा जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति के दीर्घायु और सुखद जीवन के लिए व्रत रखती है। मान्यता है कि जो महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं उन्हें सौभाग्य प्राप्ति का वरदान मिलता है। साथ ही संतान प्राप्ति का भी वरदान मिलता है।

वट सावित्री व्रत का महत्व

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वट सावित्री व्रत के दिन वट वृक्ष की पूजा विधि-विधान से की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वट वृक्ष में तीनों देव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। मान्यता है कि वट वृक्ष के तने में भगवान विष्णु का वास होता है और जड़ में ब्रह्म देव का वास होता है। वहीं वट वृक्ष की शाखाओं में भगवान शिव का वास होता है।

Advertisement

इसलिए वट वृक्ष इतना पूजनीय माना गया है। ज्योतिषियों के अनुसार, वट वृक्ष की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होता है। साथ ही सुहागिन महिलाओं के पतियों की दीर्घायु होने वरदान भी मिलता है।

यह भी पढ़ें- वैशाख पूर्णिमा पर रहेगा भद्रा का साया, जानें शुभ तिथि और मुहूर्त

यह भी पढ़ें- 5 दिन बाद है मोहिनी एकादशी, जानें शुभ तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और शुभ योग

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिषीय और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।  किसी भी उपाय को करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

Advertisement
Tags :
vat savitri vratvat savitri vrat puja vidhi
वेब स्टोरी
Advertisement
Advertisement