Vidur Niti: जो लोग दूसरों से छिपाकर रख लेते हैं ये 7 राज, कभी कम नहीं होता है धन; जीवनभर रहते हैं खुशहाल!
Vidur Niti: सनातन संस्कृति और भारत के इतिहास में विदुर के चरित्र को धर्म, नीति, और सत्यनिष्ठा का आदर्श माना जाता है। उनकी शिक्षाएं आज भी विदुर नीति के रूप में प्रासंगिक हैं और जीवन के विभिन्न पहलुओं में मार्गदर्शन करती हैं। मान्यता है कि जो लोग विदुर की नीतियों पर अपना जीवन जीते हैं, वे न केवल जीवन भर खुशहाल रहते हैं, बल्कि सबका सम्मान भी पाते हैं। यहां विदुर नीति के एक ऐसे पहलू की चर्चा की गई है, जो 7 बातों को आजीवन राज की तरह छिपा कर रखने का सुझाव देता है। विदुर जी की इस नीति वाक्य के अनुसार, जो लोग इन 7 राज को छुपा कर रखने में कामयाब हो जाते हैं, उनका धन कभी कम नहीं होता है। आइए जानते हैं, क्या हैं ये 7 राज, जिसे छिपाने से आदमी जिंदगी भर खुशहाल रहता है? साथ ही जानते हैं, महान नीतिज्ञ विदुर से जुड़ी कुछ खास बातें!
महान नीतिज्ञ विदुर से जुड़ी खास बातें!
विदुर महाभारत के एक महत्वपूर्ण पात्र थे। वे धृतराष्ट्र और पांडु के सौतेले भाई थे, लेकिन दासी पुत्र होने के कारण उन्हें राज परिवार में कभी शामिल नहीं किया गया। हालांकि पांडव उन्हें चाचा यानी ताऊ का सम्मान देते थे, लेकिन कौरवों ने उनकी प्रतिष्ठा का कभी ध्यान नहीं रखा था। इसलिए विदुर जी पांडवों के बेहद करीब थे। विदुर ने पांडवों को कई बार कौरवों की साजिशों से बचाया, उदाहरण के लिए, उन्होंने पांडवों को लाक्षागृह में जलाए जाने की योजना के बारे में चेतावनी दी थी, तभी पांडव सपरिवार बच पाए थे।
विदुर को धर्मराज का अवतार माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि धर्मराज को ऋषि मैत्रेय के श्राप के कारण एक दासी के गर्भ से जन्म लेना पड़ा था। महाभारत के अनुसार, विदुर जी ऋषि वेदव्यास और देवी अंबिका की एक दासी के संयोग से उत्पन्न हुए थे। विदुर जी के पास भविष्य देखने की क्षमता थी। उन्होंने महाभारत युद्ध के परिणामों का पूर्वानुमान लगा लिया था और धृतराष्ट्र को बार-बार युद्ध से बचने की सलाह दी थी। विदुर जी की सादगी, सात्विकता, ज्ञान और भक्तिपरायणता के कारण उन्हें 'महात्मा विदुर' भी कहते हैं।
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किसी को न बताएं ये 7 राज
महात्मा विदुर की नीतियां जीवन के हर पहलू को स्पर्श करती हैं। उनकी पुस्तक 'विदुर नीति' 7 ऐसी बातों को भी उजागर किया है, जिन्हें दूसरों से साझा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति न केवल अपनी समस्याओं को बल्कि अपने जीवन को भी सुरक्षित रख सकता है। विदुर जी का मानना था कि इन बातों को छिपाकर रखने से व्यक्ति अपने मन को शांत रख सकता है और जीवन में खुशहाल रह सकता है।
1. वित्तीय स्थिति और नुकसान: विदुर नीति के अनुसार, अपनी धन-संपत्ति, आय और व्यय की जानकारी किसी के साथ साझा नहीं करनी चाहिए। यह जानकारी दूसरों के मन में ईर्ष्या या द्वेष उत्पन्न कर सकती है। साथ ही अपने नुकसान का भी जिक्र किसी न करें यानी हमेशा राज रखें, वरना लोग आपसे दूरी बनाने लगेंगे।
2. निजी दुख और परेशानियां: विदुर नीति के तहत लोगों को अपनी व्यक्तिगत समस्याओं और दुखों को हर किसी के साथ साझा करने से बचना चाहिए। इससे न केवल आपकी कमजोरी उजागर होती है, बल्कि लोग इसका गलत लाभ भी उठा सकते हैं।
3. परिवार की निजी बातें: महात्मा विदुर के मुताबिक, अपने परिवार के भीतर की समस्याएं या झगड़े किसी बाहरी व्यक्ति से साझा नहीं करनी चाहिए। इससे परिवार की छवि खराब हो सकती है, आपसी विश्वास में कमी आ सकती है और ऐसा करने से अंततः पारिवारिक कलह और बढ़ सकता है।
4. अपनी योजनाएं और महत्वाकांक्षाएं: इस बारे में विदुर नीति पुस्तक बहुत सावधान रहने की सलाह देती है कि अपनी भविष्य की योजनाओं और लक्ष्यों को गुप्त रखना चाहिए। दूसरों के साथ इन्हें साझा करने से बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं और कोई आपके विचारों का गलत इस्तेमाल कर सकता है। वहीं यदि ये योजनाएं या महत्वाकांक्षाएं असफल होती हैं, तो लोग आपका मजाक उड़ा सकते हैं।
5. अपनी कमजोरियां: विदुर नीति पुस्तक अनुसार, अपनी व्यक्तिगत कमजोरियां या डर भी दूसरों को न बताएं। क्योंकि, इससे लोग आपकी कमजोरी का फायदा उठाकर आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं।
6. अपना धर्म और आध्यात्मिक साधनाएं: महात्मा विदुर के मुताबिक, धार्मिक और आध्यात्मिक क्रिया-कलाप नितांत निजी होती हैं। विदुर नीति के मुताबिक, अपनी धार्मिक और आध्यात्मिक प्रथाओं को व्यक्तिगत रखना चाहिए। कारण यह कि इन्हें सार्वजनिक रूप से साझा करने से इनका महत्व कम हो जाता है।
7. अन्य लोगों की बातें: अन्य लोगों की बातों से मतलब यह है कि किसी और के द्वारा साझा की गई गोपनीय जानकारी या राज को दूसरों से बताने से बचना चाहिए। किसी ने आपको कोई राज आप पर भरोसा कर के बताया होगा। किसी का राज फाश करने से यह आपके विश्वास और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए यह काम कभी न करें।
महात्मा विदुर का मानना था कि आत्मनियंत्रण और गोपनीयता के गुण मनुष्य को न केवल व्यावहारिक जीवन में सफलता दिलाते हैं, बल्कि उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से भी सशक्त बनाते हैं। उनका कहना था कि जो व्यक्ति अपनी बातों को संभालकर और समझदारी से साझा करता है, वही अपने जीवन को खुशहाल बना सकता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।