होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

Saphala Ekadashi 2024: कब है शुभ कार्यों में सिद्धि देने वाली सफला एकादशी? जानें सही डेट, महत्व और पूजा विधि

Saphala Ekadashi 2024: 'सफला' शब्द का अर्थ है ‘सफलता’, पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी कहते हैं, क्योंकि मान्यता है कि यह व्रत रखने से सभी शुभ कार्यों में सिद्धि मिलती है। आइए जानते हैं, सफला एकादशी कब है और इस एकादशी का महत्व और पूजा विधि क्या है?
04:41 PM Dec 15, 2024 IST | Shyam Nandan
Advertisement

Saphala Ekadashi 2024: सफला एकादशी हिंदू धर्म में एक बेहद महत्वपूर्ण एकादशी व्रत है जो पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है, 'सफला' शब्द का अर्थ है सफलता, यह माना जाता है कि इस व्रत को करने से भगवान विष्णु की कृपा से सभी कार्यों में सफलता मिलती है। आइए जानते हैं, शुभ कार्यों में सिद्धि देने वाली सफला एकादशी कब है और इस एकादशी का महत्व और पूजा विधि क्या है?

Advertisement

सफला एकादशी का महत्व

सफला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को कई लाभ मिलते हैं। यह एक ऐसा व्रत है जो न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि मानसिक और शारीरिक रूप से भी बहुत लाभकारी है। साथ ही यह व्रत आध्यात्मिक विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है और तन-मन को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है।

ये भी पढ़ें: Numerology: सही समय पर सफलता और लक्ष्य पाने में सफल होते हैं इन 4 तारीखों में जन्मे लोग, इनमें कहीं आप भी तो नहीं!

कब है सफला एकादशी 2024?

पौष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी के रूप में जाना जाता है। सनातन पंचांग के अनुसार, पौष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 25 दिसंबर को रात 10 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 27 दिसंबर को रात में 12 बजकर 43 बजे होगा। इस प्रकार सफला एकादशी का व्रत 26 दिसंबर को रखा जाएगा।

Advertisement

सफला एकादशी की पूजा विधि

सफला एकादशी के दिन साधक और भक्त भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी दोनों की पूजा करते हैं। ऐसे लोगों को इस दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान कर ब्रह्म मुहूर्त में ही भगवान की पूजा करनी चाहिए।

ये भी पढ़ें: इन 3 तारीखों में जन्मे लोगों पर रहती है शुक्र ग्रह और मां लक्ष्मी की खास कृपा, जीते हैं ऐशो-आराम की जिंदगी!

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Open in App
Advertisement
Tags :
saphala ekadashi 2024Saphala Ekadashi Puja Vrat Vidhi
Advertisement
Advertisement