18300 मील की रफ्तार से टकराएगा 'तबाही का देवता'; जानें कब धरती के करीब पहुंचेगा एस्ट्रॉयड?

Astroid Aphosis Latest Update: एस्ट्रॉयड अपोफिस को लेकर नई रिसर्च हुई है, जिसमें डराने वाला खुलासा हुआ है, क्योंकि यह क्षुद्रग्रह धरती से टकराएगा। कनाडा के एक वैज्ञानिक ने अपनी रिपोर्ट में इसे लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

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घूमते हुए धरती की ओर बढ़ रहा एस्ट्रॉयड

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Large Asteroid Ready to Hit Earth: क्षुद्रग्रहों एक बार धरती से टकराए थे और डायनासोर विलुप्त हो गए थे। 7500 साल बाद एक बार फिर ऐसा ही एक एस्ट्रॉयड अपोफिस 99942 धरती से टकराने को तैयार है। वह 18300 मील की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ रहा है और 13 अप्रैल 2029 को धरती से टकराकर तबाही मचा सकता है। इसलिए इसे 'तबाही का देवता' कहा जा रहा है। इस एस्ट्रॉयड को लेकर कई सालों से भविष्यवाणियां की जा रही हैं। बीच में वैज्ञानिकों ने इसके धरती से टकराने की भविष्यवाणी का खंडन किया था, लेकिन एक नई रिसर्च ने उनकी टेंशन बढ़ा दी है, क्योंकि यह एस्ट्रॉयड धरती की ओर आ रहा है।

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19 जून 2004 को मिला था एस्ट्रॉयड अपोफिस

कनाडा के खगोलशास्त्री पॉल विएगर्ट ने एक रिसर्च की है, जिसमें खुलासा हुआ कि अंतरिक्ष की दुनिया में हालात ऐसे बन रहे हैं कि यह एस्ट्रॉयड धरती से निश्चित ही टकराएगा और तबाही का कारण बनेगा। यह एस्ट्रॉयड करीब 1200 फीट चौड़ा (335 मीटर) है। 13 अप्रैल 2029 को यह एस्ट्रॉयड धरती से सिर्फ 38012 किलोमीटर (23619 मील) दूर होगा। इसलिए यह चंद्रमा के सबसे नजदीक होगा और 29.98 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से उसका चक्कर लगाएगा। इस एस्ट्रॉयड को 19 जून 2004 को तलाशा गया था। मार्च 2021 में नासा ने इसके धरती से टकराने की संभावनाओं का खंडन किया था। नासा के सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज (CNEOS) के वैज्ञानिक डेविड फरनोचिया ने ब्लॉग पोस्ट में भी इसका जिक्र किया है।

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टकराव को आंखों से देख सकेंगे लोग-वैज्ञानिक

द प्लैनेटरी साइंस जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, हर 7500 साल में एक एस्ट्रॉयड धरती के करीब आता है। अभी 'तबाही का देवता' अंतरिक्ष में घूम रहा है। अगर इसने अपनी दिशा बदल ली तो यह निश्चति ही धरती से टकराएगा। इस टकराव को लोग अपनी आंखों से देख सकेंगे। यह धरती के पूर्वी गोलार्ध में दिखाई देगा और इसे देखने के लिए किसी दूरबीन की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। हालांकि जब इसे तलाशा गया था, तब इसे ऑप्टिकल दूरबीनों और रडार की जरूरत पड़ी थी, क्योंकि तब यह सूर्य की परिक्रमा कर रहा था। बता दें कि अपोफिस नाम मिस्त्र की पौराणिक कथाओं में बुराई और अराजकता के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल राक्षर्स सर्प के नाम पर रखा गया है।

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