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नासा का अलर्ट! पृथ्वी के नजदीक से गुजरेगा प्लेन के साइज का एस्टेरॉयड, क्या होगा असर?

NASA Alert Airplane Sized Asteroid: नासा ने 130 फीट बड़े 2024 RJ1 एस्टेरॉयड के बारे में अलर्ट जारी किया है। यह शुक्रवार 20 सितंबर को पृथ्वी के पास से गुजरेगा।
06:03 PM Sep 19, 2024 IST | Pushpendra Sharma
Asteroid
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NASA Alert Airplane Sized Asteroid: अमेरिकी स्पेस एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) अंतरिक्ष में समय-समय पर होने वाले बदलावों के बारे में अलर्ट जारी करती है। हाल ही में नासा ने एस्टेरॉयड 2024 RN16 के बारे में अलर्ट जारी किया था। यह एस्टेरॉयड पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरा था। दो स्टेडियम जितने बड़े एस्टेरॉयड के पृथ्वी के पास से गुजरने पर नुकसान की आशंका जताई जा रही थी। हालांकि इससे किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। अब नासा ने एक और बड़े एस्टेरॉयड के बारे में अलर्ट जारी किया है। जिसका आकार एक हवाई जहाज जितना बड़ा है।

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नासा ने बताया क्या रहेगा प्रभाव?

नासा ने 130 फीट बड़े 2024 RJ1 नाम के एस्टेरॉयड के बारे में अलर्ट जारी कर कहा है कि यह धरती के नजदीक से गुजरेगा। इसकी दूरी 5,890,000 किलोमीटर होगी। हालांकि कॉस्मिक स्टेंडर्ड के हिसाब से यह पृथ्वी के काफी नजदीक है, लेकिन नासा ने कहा है कि चिंता की कोई बात नहीं है। एस्टेरॉयड 2024 RJ1 नीयर अर्थ ऑब्जेक्ट (NEOs) ग्रुप का हिस्सा है। ये सूर्य की परिक्रमा करते हैं और कभी-कभी पृथ्वी की कक्षा के पास आते हैं। इसे इस साल की शुरुआत में नासा ने खोजा था। नासा का नीयर अर्थ ऑब्जेक्ट ऑब्जर्वेशन (NEOO) कार्यक्रम इसकी एक्टिविटीज पर बारीकी से नजर रख रहा है।

सुबह 6:55 बजे धरती के पास से गुजरेगा

पृथ्वी के पास से गुजरने वाले इन एस्टेरॉयड वैज्ञानिकों के लिए डेटा लेने और खगोलीय पिंडों के बारे में अधिक जानने के लिए महत्वपूर्ण हैं। बताया जा रहा है कि 2024 RJ1 शुक्रवार 20 सितंबर को भारतीय समयानुसार सुबह 6:55 बजे पर पृथ्वी के सबसे करीब से गुजरेगा। यह 32,045 किमी/घंटा की स्पीड से आगे बढ़ रहा है।

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किसी तरह का खतरा नहीं

इस घटना पर वैज्ञानिकों की कड़ी नजर है। नासा का कहना है कि एस्टेरॉयड धरती के पास से सुरक्षित रूप से गुजर जाएगा। इससे किसी तरह का खतरा नहीं है। हालांकि एस्टेरॉयड की कक्षा में मामूली बदलाव भविष्य में प्रभावित कर सकते हैं। इस एस्टेरॉयड के जरिए भविष्य में दूसरे एस्टेरॉयड की ट्रैकिंग और भविष्यवाणी में मदद मिल सकेगी। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये अध्ययन ग्रहों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो भविष्य में संभावित खतरों से पृथ्वी की रक्षा के लिए उपयोगी हैं। आपको बता दें कि इससे पहले 1-मीटर आकार का उल्कापिंड 2024 RW1, 4 सितंबर को फिलीपींस के लुजोन के पास पश्चिमी प्रशांत महासागर के ऊपर पृथ्वी के वायुमंडल से टकराया और बिना किसी नुकसान के जल गया। इस घटना को कई लोगों ने आंखों से देखा था। इसके कई वीडियो भी वायरल हुए थे।

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