होमखेलवीडियोधर्म मनोरंजन..गैजेट्सदेश
प्रदेश | हिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारदिल्लीपंजाबझारखंडछत्तीसगढ़गुजरातउत्तर प्रदेश / उत्तराखंड
ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थExplainerFact CheckOpinionनॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

मिला पृथ्वी जैसा दिखने वाला ग्रह, अंतरिक्ष में जीवन होने की जगी नई उम्मीद

White Dwarf किसी तारे का अवशेष होता है, जो परमाणु ईंधन के खत्म हो जाने और अपनी बाहरी परतों को गिराने के बाद बचता है।
08:18 PM Nov 09, 2024 IST | Amit Kasana
प्रतिकात्मक फोटो, क्रेडिट गूगल
Advertisement

New Earth Like Planet Found: वैज्ञानिकों को पृथ्वी जैसा दिखने वाला एक नया ग्रह मिला है, जिससे अंतरिक्ष में जीवन होने की एक नई उम्मीद जगी है। अनुमान है कि  ये नया ग्रह धरती के समान mass वाला चट्टानी ग्रह हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये ग्रह धनु तारामंडल में स्थित एक white dwarf के चारों ओर चक्कर लगा रहा है।

Advertisement

दरअसल, खगोलविदों की एक टीम ने सौर मंडल से 4000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक तारे की परिक्रमा कर रहे पृथ्वी जैसे ग्रह की खोज की है, जो संभावित रूप से पृथ्वी के सुदूर भविष्य के बारे में एक उम्मीद जता रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वैज्ञानिक इस नए ग्रह को लेकर काफी उत्साहित हैं, फिलहाल इसके बारे में ज्यादा जानकारी शेयर नहीं की गई है।

नए ग्रह से भविष्य की जगी उम्मीद

वैज्ञानिकों की ये नई खोज पृथ्वी के अस्तित्व के लिए आशा की किरण लेकर आई है। जिससे उस स्थिति जब हमारा सूर्य अपने अंतिम चरण में होगा और वह पृथ्वी को कथित तौर पर निगल जाएगा तो इस नए ग्रह से इंसानों के जिंदा रहने की संभावना होगी। वैज्ञानिकों ने कहा कि इस नए ग्रह के अलावा बृहस्पति के चारों ओर चंद्रमा या शनि के पास एन्सेलाडस भविष्य की पीढ़ियों के लिए संभावित नए आश्रय बन सकते हैं।

Advertisement

क्या होता है white dwarf?

जानकारी के अनुसार white dwarf किसी तारे का अवशेष होता है, जो परमाणु ईंधन के खत्म हो जाने और अपनी बाहरी परतों को गिराने के बाद बचता है। यह सूर्य के अंतिम हिस्से का प्रतीक है। वैज्ञानिकों का मानना है कि सूर्य का परमाणु ईंधन खत्म होने के बाद वह दिखने में किसी लाल रंग के दानव की लगेगा फिर वह सिकुड़कर white dwarf बन जाएगा। इतना ही नहीं वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके विस्तार की सीमा यह निर्धारित करेगी कि सौर मंडल में कौन से ग्रह (बुध और शुक्र) इसमें समा जाएंगे।

Open in App
Advertisement
Tags :
science news
Advertisement
Advertisement