क्या होता है Quicksilver और सोना निकालने में कैसे आता है काम?
What Is Quicksilver : क्विकसिल्वर को मर्करी के नाम से भी जाना जाता है और इसका इस्तेमाल लंबे समय से गोल्ड एक्सट्रैक्शन यानी सोना निकालने के काम में होता आ रहा है। गोल्ड के साथ बॉन्ड बनाने की इसकी अनोखी खासियत इसे गोल्ड माइनिंग में अहम बनाती है। लेकिन, यह प्रक्रिया काफी खतरनाक भी है। इस रिपोर्ट में जानिए क्विकसिल्वर यानी मर्करी का सोना निकालने में कैसे इस्तेमाल होता है, इसकी प्रक्रिया क्या है और इसे क्विकसिल्वर किसलिए कहा जाता है।
इजिप्ट यानी मिस्र में मर्करी का इस्तेमाल 1500 ईसा पूर्व से होता आ रहा है। बेहद खतरनाक होने के बावजूद पहले इसका इस्तेमाल दवाई के रूप में होता था। यह अकेली ऐसी धातु है जो सामान्य तापमान पर लिक्विड फॉर्म में रहती है। इस धातु को क्विकसिल्वर नाम लैटिन भाषा के अर्जेंटम विवम (Argentum Vivum) शब्द से मिला है जिसका मतलब जिंदा चांदी यानी लिविंग सिल्वर होता है। ऐसा इसकी लिक्विड अवस्था और चांदी जैसे चमकीले सफेद रंग की वजह से है।
कैसे निकाला जाता है सोना?
गोल्ड एक्सट्रैक्शन में मर्करी का इस्तेमाल काफी पहले से होता आ रहा है। लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि किस तरह लिक्विड मेटल का इस्तेमाल सोना निकालने में किया जाता है। आम तौर पर यह प्रोसेस ऐसी चट्टानों पर की जाती है जिनमें सोना पाउडर के रूप में होता है। इनमें सोने के टुकड़े इतने महीन होते हैं कि उसे निकालने के बाकी तरीके काम नहीं कर पाते। लिक्विड मर्करी को चट्टानों के साथ मिक्स किया जाता है जो सोने के टुकड़ों से मिलकर चट्टान को अलग कर देती है।
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इस प्रोसेस में चट्टान के बाकी हिस्से अलग और मर्करी व सोने का एलॉय अलग हो जाता है जिसे गोल्ड अमलगम कहते हैं। इस अमलगम को छानकर इसे 365.7 डिग्री सेल्सियस तापमान पर गर्म किया जाता है। बता दें कि इस टेंपरेचर पर मर्करी गैस में बदल जाता है और सोना बाकी रह जाता है जिसका बॉइलिंग पॉइंट 2836 डिग्री सेल्सियस होता है। ध्यान रहे कि यह प्रोसेस बेहद जहरीली वेपराइज्ड मर्करी बनाता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा नुकसानदायक होता है।
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