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ब्रह्मांड का बड़ा राज खुला! इस ग्रह के चांद के नीचे 2.5 करोड़ साल से बह रहा समुद्र

Saturn's Moon Has Hidden Ocean Under Crust : शनि ग्रह के एक चंद्रमा 'डेथ स्टार' की सतह के नीचे समुद्र है। नासा के कैसिनी मिशन से मिली तस्वीरों का अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला गया है।
10:51 AM Feb 08, 2024 IST | Gaurav Pandey
Saturn's moon Mimas (NASA)
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Saturn's Moon Has Hidden Ocean Under Crust : हमारे सोलर सिस्टम का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह शनि यानी सैटर्न का एक चंद्रमा अपने भीतर कई राज समेटे हो सकता है। इस ग्रह का एक चंद्रमा ऐसा है जो अपनी सतह पर बड़े क्रेटर की वजह से प्रसिद्ध फिल्म सीरीज 'स्टार वार्स' में दिखाए जाने वाले 'डेथ स्टार' जैसा लगता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस चंद्रमा के क्रस्ट के नीचे समुद्र छिपा हो सकता है। शनि के इस चंद्रमा का नाम मीमास (Mimas) है।

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यह जानकारी सामने आने के बाद मीमास उस एक्सक्लूजिव क्लब में शामिल हो गया है जिसमें अभी तक शनि के दो चंद्रमा (टाइटन और एंसेलाडस) और जूपिटर के दो चंद्रमा (यूरोपा और गैनीमीड) शामिल थे। माना जाता है कि इन चंद्रमाओं की सतह के नीचे समुद्र हो सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह काफी हैरान करने वाला है। अगर आप मीमास की सतह को देखें तो तो ऐसा कुछ भी नहीं दिखेगा जो इस बात का संकेत देता हो इसकी सतह के नीचे समुद्र हो सकता है।

नाशा के मिशन की तस्वीरों से मिली मदद

दरअसल, मीमास के ऑर्बिट में विशेषताओं को देखते हुए वैज्ञानिकों ने दो अनुमान लगाए थे। पहला ये कि या तो इसका बहुत लंबा बर्फ से ढका कोर हो सकता है या फिर इसकी परत के नीचे एक समुद्र हो सकता है जिसकी वजह से इसकी बाहरी परत कोर से अलग स्वतंत्र रूप से शिफ्ट कर सकती है। शनि के लिए नासा के कैसिनी मिशन से मिली हजारों तस्वीरों का विश्लेषण करने के बाद वैज्ञानिरों ने मीमास की तरह स्पिन और ऑर्बिटल मोशन का फिर से निर्माण किया।

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करीब 45 मील गहरा हो सकता है समुद्र

वैज्ञानिकों की कैलकुलेशन ने बताया कि मीमास जिस तरह से मूव करता है उसके लिए उसकी सतह के नीचे समुद्र होने की संभावना ज्यादा है। इसमें पता चला कि मीमास के 15 मील मोटे बर्फीले कवर के नीचे 45 मील गहरा समुद्र हो सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि मीमास की सतह के नीचे मौजूद समुद्र का वॉल्युम कुल वॉल्यूम का आधे से अधिक हो सकता है। तुलनात्मक रूप से मीमास के समुद्र को नया माना जा रहा है। बता दें कि मीमास की सतह काफी टूटी-फूटी है।

जीवन होने की संभावना पर क्या अनुमान

माना जा रहा है कि इस समुद्र का निर्माण करीब 2.5 करोड़ पहले हुआ होगा। ऐसे में वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर यह अनुमान सही है तो यह इतना समय नहीं है कि वहां पानी में जीवन की शुरुआत हो सके। जीवन के बारे में जूपिटर के चंद्रमा यूरोपा और शनि के एनसेलाडस को ज्यादा बेहतर उम्मीदवार माना जाता है। हालांकि, वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि आने वाले समय में की जाने वाली रिसर्च बताएगी कि शनि का चंद्रमा मीमास कितना महत्वपूर्ण हो सकता है।

हालांकि, वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि अगर मीमास की सतह के नीचे समुद्र होता भी है, तो भी धरती के अलावा कई ऐसी जगहें हैं जहां जीवन की तलाश करना आसान हो सकता है। यहां समुद्र होने का संकेत तो मिला है लेकिन जीवन होने का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। अगर मीमास पर जीवन होता भी तो वह 20 किलोमीटर बेहद मजबूत बर्फ से ढका होता।

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Tags :
Space Research
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