चुनाव 2024खेलipl 2024वीडियोधर्म
मनोरंजन | मनोरंजन.मूवी रिव्यूभोजपुरीबॉलीवुडटेलीविजनओटीटी
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीipl 2023भारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

क्या पूरा ‘दिमाग’ बनाने के करीब हैं वैज्ञानिक? दुनिया का पहला 3D-प्रिंटेड ब्रेन टिश्यू बनाने में मिली सफलता

World’s first 3D-printed brain tissue: इसे मेडिकल साइंस के क्षेत्र में बड़ी सफलता माना जा रहा है। इससे दिमाग के जटिल हिस्से को समझा जा सकेगा। कई लाइलाज बीमारियों के इलाज की दिशा में प्रगति होगी।
12:20 PM Feb 05, 2024 IST | Shubham Singh
Advertisement

Scientists created small brain through 3D printing: साइंस और खासकर मेडिकल साइंस की दुनिया में आए दिन नए नए चमत्कार होते रहते हैं। मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है जिसे कुछ दशकों पहले सोचा भी नहीं जा सकता था। कुछ दिन पहले ही इलोन मस्क की कंपनी ने कमाल कर दिखाया था। मस्क की कंपनी न्यूरालिंक को इंसान के दिमाग में चिप लगाने में सफलता मिली थी। अब वैज्ञानिकों ने एक और हैरान करने वाला काम करके दिखाया है। साइंटिस्ट्स ने 3डी प्रिंटिंग की तकनीक से एक ब्रेन टिशू बनाने में सफलता हासिल की है।

Advertisement

हैरानी की बात यह है कि इसके टिश्यूज प्राकृतिक ब्रेन टिशू की तरह काम करते हैं। दुनिया का पहला 3डी-प्रिंटेड यह ब्रेन टिश्यू मानव मस्तिष्क की तरह काम करता है। माना जा रहा है कि यह न्यूरोलॉजिकल और न्यूरोडेवलपमेंटल संबंधी समस्याओं को हल करने की दिशा में एक बड़ी छलांग है। इस सफलता से वैज्ञानिकों में काफी उत्साह है। इससे खासकर अल्जाइमर और पार्किंसंस रोग जैसे न्यूरोलॉजिकल और न्यूरोडेवलपमेंटल बीमारियों पर रिसर्च में बहुत मदद मिलेगी।

ये भी पढ़ें-पागलपन की हद, 16 दिन से कच्चा चिकन खा रहा यह शख्स, वजह हैरान कर देगी

Advertisement

क्या कहना है साइंटिस्ट्स का

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह हमें यह समझने में मदद करने के लिए एक बेहद शक्तिशाली मॉडल हो सकता है कि मस्तिष्क की कोशिकाएं और मस्तिष्क के हिस्से मनुष्यों में कैसे संचार करते हैं। यह स्टेम सेल बायोलॉजी, न्यूरोसाइंस और कई न्यूरोलॉजिकल और मानसिक विकारों को देखने के उनके तरीके को बदल सकता है। इससे दिमाग के जटिल हिस्से को समझा जा सकेगा। मस्तिष्क से संबंधित कई तरह की समस्याओं को समझने में मदद मिलेगी। कई ऐसी बीमारियों का इलाज खोजा जा सकेगा जिनका इलाज अबतक संभव नहीं था। इससे रिसर्च के क्षेत्र में बड़ी प्रगति होगी। हालांकि पूरा मस्तिष्क बनाना अभी बहुत दूर की बात है।

ये भी पढ़ें-किस उम्र तक पिता बन सकता है इंसान? जानें ऐसे ही दिलचस्प सवालों के जवाब

Advertisement
Tags :
health newshuman brainscience news
वेब स्टोरी
Advertisement
Advertisement