Super Venus: एस्टोनॉटर्स ने खोजा नया वीनस; क्यों खास है नया ग्रह? जानें डिटेल
Super Venus: एस्टोनॉटर्स ने एक एक्सोप्लैनेट, GJ 1214 b की पहचान की है, जिसका नाम इनेपोशा है। इस प्लैनेट ने पिछले प्लैनेटरी क्लासिफिकेशन को चुनौती दी है। पृथ्वी से लगभग 47 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित, यह धुंधला ग्रह एक लाल बौने तारे की परिक्रमा करता है। हालांकि शुरू में इसे मिनी-नेपच्यून माना जाता था, लेकिन जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) से पता चलता है कि यह शुक्र यानी वीनस से ज्यादा समानता रखता है। आइए इसके बारे में जानते हैं।
क्या है सुपर-वीनस?
इनेपोशा के घने, अभेद्य वायुमंडल और असामान्य संरचना ने वैज्ञानिकों को एक नया क्लासिफिकेशन बनाने के लिए प्रेरित किया है, जिसे 'सुपर-वीनस' नाम दिया गया है। हालांकि यह शुक्र की ज्यादातर विशेषताओं के साथ आता है, जैसे कि घना वायुमंडल, यह अपने काफी बड़े आकार और अन्य खास विशेषताओं के कारण अलग है। यह खोज इनेपोशा को अपनी तरह का पहला ज्ञात ग्रह बनाती है, जो हमारे सौर मंडल से परे मौजूद ग्रहों की विविधता की एक झलक पेश करती है।
एस्टोनॉटर्स के लिए चुनौती
द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, JWST द्वारा दिए गए डेटा ने एनाईपोशा की असाधारण प्रकृति को उजागर किया है। इसके घने और धुंधले वातावरण ने इसे सीधे देखना मुश्किल बना दिया है, जिससे इसके रहस्यों को उजागर करना एस्टोनॉटर्स के लिए चुनौतियों भरा हो सकता है। हालांकि, इसकी खोज आगे के शोध का मार्ग प्रशस्त करती है जो एक्सोप्लैनेट और ब्रह्मांड में उनकी भूमिका के बारे में हमारी समझ को गहरा कर सकती है।
एनाईपोशा की चरम विशेषताएं हमारे सौर मंडल के सबसे गर्म ग्रह शुक्र से तुलना करती हैं, लेकिन पहले कभी नहीं देखे गए पैमाने पर। यह 'सुपर-वीनस कैटेगरी प्लैनेटरी सिस्टम की जटिल विविधता को उजागर करती है और इन दूर की दुनियाओं की खोज में JWST जैसी एडवांस तकनीक के महत्व को पुष्ट करती है।
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