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Vinesh Phogat के पक्ष में 3 दलीलें, 2 बयान, 2 वकील फेल, 150 करोड़ उम्मीदें एक फैसले से टूटी

Vinesh Phogat: कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट ने विनेश फोगाट को एक बड़ा झटका दिया है। 50 Kg कैटेगरी में फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल मैच से पहले ज्यादा वजन होने की वजह से विनेश को डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था।

Vinesh Phogat: विनेश फोगाट के मामले में कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने अपना फैसला सुना दिया है। CAS ने विनेश फोगाट की अपील को खारिज कर दिया है। विनेश को फाइनल मैच से पहले तय सीमा से ज्यादा अधिक वजन की वजह से योग्य घोषित कर दिया गया था। विनेश ने इस फैसले के खिलाफ CAS में अपील की थी। पहले इस मामले पर 16 अगस्त को फैसला आना था, लेकिन विनेश की अपील को 14 अगस्त को ही खारिज कर दिया गया।

फाइनल से हो गई थी डिस्क्वालीफाई

पेरिस ओलंपिक में विनेश ने लगातार 3 मैच जीतकर फाइनल में जगह बनाई थी। उनका फाइनल मुकाबला 8 अगस्त को होना था, लेकिन विनेश का वजन 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा होने के वजह से उन्हें डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने CAS में अपील की थी।

 

विनेश के पक्ष में रखी गईं थी ये 3 दलील

इस मामले में विनेश के पक्ष में तीन प्रमुख बातों को रखा गया था।

1. 100 ग्राम वेट बहुत कम होता है। ये एथलीट के वेट का 0.1% से 0.2% से भी ज्यादा नहीं हैं। गर्मी की वजह से भी एथलीटों जा शरीर फूल जाता है। जिंदा रहने के लिए भी इंसानों के शरीर में पानी जमा होता है। इस वजह से भी कभी-कभी वजन बढ़ जाता है।

2. विनेश ने एक दिन में ही तीन मुकाबले लड़े थे। ऐसे में एनर्जी को बनाए रखने के लिए उन्हें खाना पड़ गया था। जिस वजह से उनका वजन 52.7 किलो हो गया था।

3. खेल गांव और ओलंपिक गेम्स के स्टेडियम के बीच दूरी और लगातार मैचों की वजह से विनेश को वजन कम करने का मौका नहीं मिला।

बता दें कि विनेश का केस हरीश साल्वे और विदुष्पत सिंघानिया जैसे दिग्गज वकील लड़ रहे थे।

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इस मामले पर पीटी उषा और थॉमस बाक ने कही थी ये बात

इस मामले पर पीटी उषा ने कहा था कि एथलीटों के वजन को मैनेज करने की जिम्मेदारी एथलीट और उसके कोच की होती है। ये जिम्मेदारी IOA द्वारा नियुक्त चीफ मेड‍िकल अफसर डॉ। दिनशॉ पारदीवाला और उनकी टीम की नहीं होती है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक ने कहा था। 'हम CAS के निर्णय को मानेंगे।'

 

 

 

 

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